आज़ादी का अमृत महोत्सव, स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण

शिमला, 03 दिसंबर

भाषा एवं संस्कृति विभाग, जिला शिमला हिमाचल प्रदेश द्वारा साहित्य परिषद, राजीव गांधीराजकीय महाविद्यालय चौड़ा मैदान शिमला के सहयोग से ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में क्रांतिकारी साहित्यकार व स्वतंत्रता सेनानी “यशपाल जयंती” के सुअवसर पर महाविद्यालय के सभागार में जयंती समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार व भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत पूर्व निदेशक केआर भारती ने की तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डा० अनुपमा गर्ग ने बतौर विशेष अतिथि शिरकत की।

कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ हुआ तथा साहित्य परिषद की अध्यक्षा डा० सुनीला शर्मा ने सभी साहित्यकारों का महाविद्यालय की ओर से अभिनंदन किया। प्रथम सत्र में लेखक गोष्ठी में डा० सत्य नरायण स्नेही ने क्रांतिकारी साहित्यकार यशपाल के जीवन वृतांत पर पत्र प्रस्तुत किया तथा डा० कुंवर दिनेश सिंह ने कथाकार यशपाल एक विहंगम दृष्टि विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उपस्थित लेखकों ने इस पर परिचर्चा भी की।


कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन में महाविद्यालय की साहित्य परिषद के नवोदित कवि हर्ष गौतम, तब्बू ठाकुर, वर्षा चौहान, अरमान शर्मा, अदिति जिष्टु, प्रियांशु आदित्य, नलिन, यादव, राहुल देव प्रेमी, स्थापित कवियों में सुदर्शन वशिष्ठ ने हास्य रस में काव्य पाठ किया। एस आर हरनोट ने मां के समर्पण पर मार्मिक काव्य पाठ किया।

जीयानंद शर्मा ने ” उसके मरने पर मां रोई छिन गया उसके बुढ़ापे का सहारा” रोशन लाल पराशर ने ‘सच्चा सिपाही यशपाल ‘ व 75 वर्ष आज़ादी के पूरे हंसी खुशी मनाएं। वासुदेव शर्मा ने बस्ता है बदन से भारी नन्हे स्कूली बच्चों की मनोदशा से रूबरू करवाते हुए व्यंग्यात्मक शैली में सुना कर खूब तालियां बटोरी।

राजकुमार राही ने उम्दा गजलें प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी, गुलपाल वर्मा ने अपनी कविता की के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण करते हुए इन काव्य पंक्तियों से ‘चले आज इक बार साथियों फिर से जश्न मनाना है’ नवोदित कवयित्री रेखा ठाकुर ने ‘ युवाओं को क्या हुआ’ काव्य पंक्तियों में पथभ्रष्ट होते युवाओं की दशा पर अपना संदेश दिया। डा० सत्य नारायण स्नेही ने अपनी कविता में पहाड़ की व्यथा से रूबरू करवाते हुए समुद्र से पहाड़ तक तनी है पूरी पृथ्वी , जहां सदियों से पहाड़ पर बैठा है समुद्र,समुदेत तैर रहा है पहाड़ लगातार।

डा० दिनेश शर्मा ने शानदार मंच संचालन करते हुए खूब समा बांधा। केआर भारती ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में नवोदित लेखकों को स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत करने पर बल दिया और विभाग को कार्यक्रम के सफल आयोजन पर बधाई दी इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा, महाविद्यालय के प्राध्यापकों में डा० उपमा शर्मा,डा० पूनम कीमटा, डा० प्रियंका बिनटा,प्रो० मिताली धरेवाला,डा० रीना डोगरा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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