भाजपा नेताओ को हार के अब पता चली ओपीएस की कीमत, ध्वाला के बाद कश्यप का बड़ा बयान

पुरानी पैंशन पर भाजपा नेताओ मेंं अब गतिरोध अब बढऩे लगा है। भाजपा के नेता कबूल रहे हैं कि विधानसभा चुनावों मेें भाजपा की हार का कारण ओपीएस ही थी। बीते दिनो जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश चंद ध्वाला ने कबूल किया था कि भाजपा की हार का कारण ओपीएस रही, तो वहीं अब सोलन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी डॉ. राजेश कश्यप ने भी ओपीएस को लेकर बड़ा बयान दिया है।


उन्होंने कहा कि कश्यप ने कहा कि उनकी हार का सबसे बड़ा कारण ओपीएस रहा है। यदि सरकार ओपीएस को गंभीरता से लेती तो वह अवश्य जीत हासिल करते। कांग्रेस ने ओपीएस के मुद्दे को बहुत अच्छी तरह से भुनाया और यही वजह है कि वह जीत हासिल करने में कामयाब भी रहे। वहीं बीते दिनो रमेश ध्वाला ने ओपीएस को लेकर कहा था कि हार के लिए हमारे मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने ओपीएस को घोषणा पत्र में नहीं लिया। यदि भाजपा ने ओपीएस मांग को घोषणा पत्र में रखा होता तो आज स्थिति और होती।


वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी पता था कि ओपीएस का मुद्दा भाजपा पर हावी पड़ सकता है। ऐसे में वह ओपीएस को बहाल करने के पक्ष में भी थे, लेकिन केंद्र सरकार से ग्रीन सिग्रल न मिलने के कारण वह ओपीएस बहाली को लेकर कोई कदम नहीं उठा पाए। बीते दिनो जयराम ठाकुर ने कहा था कि ओल्ड पेंशन के मुद्दे से भाजपा को नुकसान हुआ है और इस नुकसान का एहसास पहले से था। इस मसले पर एडवांस में पार्टी को रिपोर्ट दी गई थी, चूंकि अकेला राज्य इस फैसले को नहीं राजनीतिक मुद्दा नहीं था, फिर भी सत्ता हथियाने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल करने की कोशिश हुई।

संकल्प पत्र में भी नहीं थी ओपीएस
विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की ओर से जारी हुए संकल्प पत्र में भी ओपीएस का जिक्र नहीं था। हालांकि जब इस बारे में भाजपा के शीर्ष नेताओं से पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि इस मसले पर कमेटी गठित की गई हैं। वहीं इस पर फैसला करेगी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और पहली केबिनेट की बैठक में ओपीएस को बहाल करने की घोषणा भी की। यही कारण है कि भाजपा नेताओ में इस मामले पर गतिरोध बढ़ रहा है।

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