नगर निगम आरक्षण रोस्टर पर शुरू हुई बहस

सरकार ने नगर निगम चुनावों (MCD Election) के लिए आरक्षण रोस्टर में बदलाव किया है। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। नगर निगम शिमला (Shimla Municipal Corporation) के चुनावों से ठीक पहले आरक्षण रोस्टर में बदलाव किया गया है। हालांकि अभी यह सूची जारी नहीं की गई हैं कि कौन सा वार्ड किसके लिए आरक्षित होगा। आरक्षण रोस्टर में बदलाव पर शहर में बहस छिड़ गई है। भाजपा व माकपा नेताओं ने आरक्षण रोस्टर पर सवाल उठाए हैं, जबिक कांग्रेस नेताओं ने आरक्षण रोस्टर का समर्थन किया है।


दरअसल शनिवार को शहरी विकास विभाग से आरक्षण रोस्टर में बदलाव की अधिसूचना जारी की गई थी। इसके मुताबिक अब पहले से आरक्षित चुनावों वार्डो को अनारक्षित किया गया है। इसके अलावा सबसे अधिक जनसंख्या प्रतिशत वाले वार्ड अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। वहीं महिलाएं चाहें वह सामान्य वर्ग से हो अनुसूचित जाति वर्ग से हो या फिर अनुसूचित जनजाति वर्ग से हो, उनके लिए आरक्षित स्थान जनसंख्या की न्यूनतम से आगामी उच्चतम प्रतिशतता के आधार पर किया जाएगा। आरक्षण रोस्टर में किए गए इस बदलाव पर शहर के नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए है।

नगर निगम के चुनाव पर बोले भाजपा नेता

शिमला शहरी क्षेत्र से विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के उम्मीदवार रहे संजय सूद का कहना है कि सरकार कांग्रेसी उम्मीद्वारों को नगर निगम का चुनाव जिताने के हिसाब से आरक्षण रोस्टर में बदलाव किया है। भाजपा सरकार द्वारा आरक्षण रोस्टर में किए गए बदलाव पर कानूनी राय लेगी और जरूरत पड़ी तो कोर्ट का रास्ता खटखटाया जाएगा। वहीं भाजपा के मीडिया सह प्रभारी कर्ण नंदा का कहना है कि कांग्रेस सरकार चाहे जो भी प्रयास कर ले, भाजपा चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है। शहर के हर वार्ड में भाजपा सशक्त है। हर वार्ड में भाजपा के पास योग्य एवं कर्मठ उम्मीदवार है।

क्या कहते हैं माकपा नेता

नगर निगम शिमला के पूर्व में मेयर रहे व माकपा के नेता संजय चौहान का कहना है सरकारे अपने हिसाब में आरक्षण रोस्टर की प्रक्रिया में बदलाव कर रही है। यह लोकतंत्र पर हमला है। नगर निगम चुनाव अधिनियम और इलेक्शन मैनुअल के हिसाब से ही आरक्षण रोस्ट में बदलाव किया जाना चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग उठाई है कि वह इसमें कानून के तहत काम करे।

क्या कहतें हैं कांग्रेस नेता

कांग्रेस कमेटी के महासचिव और हिमुडा के उपाध्यक्ष यंशवंत जनारथा का कहना है कि सरकार ने राजैनितक फायदा उठाने के लिए आरक्षण रोस्टर में बदलाव नहीं किया है। राजनैतिक फायदे के लिए तो पूर्व में भाजपा की सरकार ने वार्डो को तोड़कर संख्या बढ़ाई थी। वार्डो की संख्या बढ़ाकर भाजपा राजनैतिक फायदा लेना चाहती थी, लेकिन सरकार ने वार्डो की संख्या 34 ही रखी है।

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share