मल्टी टास्क वर्कर: नहीं मिला मानदेय, नौकरी पर भी खतरा

प्रदेश के स्कूलों में तैनात किए गए मल्टी टास्क वर्कर को पिछले चार माह से मानदेय नहीं मिल पाया है। इस कारण स्कूलों में तैनात किए गए इन मल्टी टास्क वर्कर को दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। इन मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती स्कूलों में भाजपा सरकार के समय में हुई थी। मल्टी टास्क वर्कर को 5625 मानदेय तय किया गया था।

दूसरी ओर से कांग्रेस सरकार ने सता में आते ही भाजपा सरकार द्वारा लिए गए पिछले 6 माह के फैसले भी रिव्यू करने की बात कही है जिसमें एक फैसला मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती का भी है। ऐेसे में अब इन मल्टी टास्क वर्कर की नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है। नई सरकार को इसमें शिकायतें मिली है कि इसमें जान-पहचान के लोगों को नौकरी पर रखा गया है।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसको लेकर कमेटी बनाई है, जिसमें रिकार्ड मांगा गया है कि किन नियमों के तहत स्कूलों में मल्टीटास्क वर्कर भर्ती हुए हैं। ऐसे में सरकार इन भर्तियों पर कोई भी फैसला ले सकती है। कांग्रेस विधायकों की कमेटी इस पूरे मामले में अब जांच करेगी। प्रदेश के स्कूलों में भाजपा सरकार ने आठ हजार मल्टी टास्क वर्कर को रखने के लिए आदेश किए हैं और करीब 50 फीसदी स्कूलों में मल्टीटास्क वर्कर रखे भी जा चुके हैं।

जब ये भर्तियां हो रही थीं, तब भी मामला हाई कोर्ट चला गया था। जयराम सरकार को बीच में पॉलिसी बदलनी पड़ी थी। इसके लिए नियमों में संशोधन किया था। हालांकि शिकायतें मिली थी कि इन भर्तियों में चहेतों को रखा गया है, लेकिन अब सरकार ने इन भर्तियों की जांच के संकेत दिए हैं। ऐसे में भर्तियों की जांच भी हो सकती है। इसके लिए एसडीएम की अध्यक्षता वाली चयन कमेटी नियुक्तियां की गई थी।

इन वर्करों को प्रतिमाह 5625 रुपए वेतन मिल रहा है। नियमों के मुताबिक जिस गांव या ग्राम पंचायत के स्कूल में भर्ती की जानी है, वहां के स्थानीय निवासी को इसमें प्राथमिकता दी गई है। साथ लगते गांव में अगर कोई स्कूल नहीं है तो वहां का निवासी भी इसमें शामिल है।

इसमें यह भी देखा गया है कि वर्कर के घर से स्कूल की दूरी के आधार पर दस नंबर होंगे। मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती के लिए सीमेंट की बोरियों के साथ दौड़ का नियम भी बनाया गया था, जिसमें महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ भाग लिया था। स्कूल को खोलना और बंद करना, परिसर और कक्षाओं में सफाई करना, पीने के पानी का इंतजाम करना और स्कूल की डाक को अन्य विभागों में पहुंचाना इनका काम तय किया गया है।

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