इलेक्ट्रिक गाडिय़ा आने के बाद डीजल-पैट्रोल गाडिय़ो का क्या होगा

हिमाचल सरकार ने प्रदेश के सभी विभागों में इलेक्ट्रिक गाडिय़ां खरीदने की बात कही है। अब सवाल यह है कि इलेक्ट्रिक गाडिय़ां आने के बाद पैट्रोल और डीजल गाडिय़ों का क्या होगा। दरअसल सरकार एक साथ सभी विभागों को इलेक्ट्रिक गाडिय़ो में नहीं बदलेगी। जिस विभाग में इलेट्रिक गाडिय़ां खरीदी जाएगी, उसे फिलहाल सरप्लस पूल में रखा जाएगा या जिन विभागों के पास वाहनों की कमी हैं, उन्हें भी गाडिय़ा आबंटित की जा सकती है।


वही केंद्र सरकार की नई पॉलिसी के अनुसार पहली अप्रैल से सभी सरकारी गाडिय़ां जो 15 साल की अवधि पूरी कर चुकी हैं, उन गाडिय़ो की स्क्रेपिंग होगी यानि उन्हें कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा। यह आदेश प्रदेश के सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होने है।

उधर हिमाचल सरकार के आदेशों के बाद परिवहन विभाग के बेड़े में 20 इलेक्ट्रिक गाडिय़ा शामिल हो चुकी हैं। परिवहन विभाग के बेड़े में इलेक्ट्रिक गाडिय़ां शामिल होने से डीजल व पैट्रोल गाडिय़ो को सरप्लस पूल में रखा गया हैं, लेकिन अब इन में से कुछ गाडिय़ो को तीन विभागों को आबंटित किया जाएगा। इनमें से 4 गाडिय़ा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, 4 गाडिय़ा आरसी ऑफिस दिल्ली और एक गाड़ी पीडब्ल्यूडी के बीएंडआर डिििवजन नंबर 03 शिमला को ट्रांसफर किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य वाहनों के निपटारे के लिए भी प्रक्रिया अमल में लाई जा रही हैं।


उपमुख्यमंत्री डिप्टी सीएम ने विधानसभा में यह जानकारी लिखित में रखी हैं। विधायक राजेंद्र राणा ने इस पर सवाल उठाया था। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 2 फरवरी को सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि सरकारी वाहनों के बेड़े को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किया जाएगा, जबिक डीजल और पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाई जाएगी। एचआरटीसी व परिवहन विभाग के अलावा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास सिर्फ एक इलेक्ट्रिक वाहन हैं।

इसके अलावा बाकी किसी भी विभाग, निगम बोर्ड व स्वायत संस्था के पास इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध नहीं हैं। परिवहन विभाग व प्रदूषण नियंत्रणब बोर्ड दोना विभागों के पास कुल 21 इलेक्ट्रिक गाडिय़ां है। इनमें से 15 गाडिय़ा टाटा नैक्सन, 5 गाडिय़ा कोना हैचबैक और 1 गाड़ी टाटा टाइगर मॉडल की हैं। हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग देश का एक मात्र ऐसा विभाग हैं। जिसका बेड़ा पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक गाडिय़ो में परिवर्तित किया गया है। राज्य सरकार ने वर्ष 2026 तक हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में अब सभी सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक गाडिय़ो की ही खरीद की जाएगी। इसके अलावा एचआरटीसी के नादौन और शिमला डिपो को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक डिपो भी बनाया जाएगा।



किसके पास कितनी इलेक्ट्रिक गाडिय़ा

विभाग/निगम/बोर्ड संख्या गाडिय़ो की कीमत
परिवहन विभाग 20 वाहन 3,79,58,099
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 01 वाहन 14,36,334
एचआरटीसी 25 बसें 47,74,99,975
50 बसें 38,48,56,100
50 वैन 05,45,78,000

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