हिमाचल प्रदेश में ड्रोन उपयोग के लिए 15 दिन में नियम बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ड्रोन प्रौद्योगिकी कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, विद्युत आपूर्ति लाइनों के पर्यवेक्षण, कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य, सड़क संबंधी निगरानी, पर्यटकों की आवाजाही की निगरानी, अवैध खनन और पेड़ों की अवैध कटाई जैसे क्षेत्रों की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।