जीत के बाद बागवानों की समस्याओं को न भूले सरकार, केबिनेट विस्तार के बाद सरकार से मिलेगा मंच

हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बागवानों ने सरकार को रिमाइंडर दिया है। बागवानों के विभिन्न संगठनो से मिलकर बने संयुक्त किसान मोर्चा ने कांग्रेस सरकार से मांग उठाई है कि वह बागवानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए भी नीति बनाए। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि जीत के बाद सरकार बागवानों की समस्याओं को भूल न जाए। जितनी महत्वपूर्ण कर्मचारियों की मांगे हैं, उतनी ही महत्वपूर्ण बागवानों की समस्याएं भी हैं। बागवानों की 20 सूत्रीय मांगो को पूरा करने के लिए नीति तैयार की जाए।
हरीश चौहान का कहना है कि सेब बाहुल क्षेत्रों की 17 में 14 सीटों पर बागवानों ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को जिताया है। ऐसे में सेब बागवानों की मांग है कि बागवानों की समस्याओं को प्रमुखता से हल किया जाए। चाहे एपीएमसी की मंडियो में एपीएमसी एक्ट को लागू करने की बात हो या फिर सेब के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की मांग हो। बागवानों की सभी समस्याओं को प्रमुखता से हल किया जाए। सेब कार्टन से जीएसटी हटाया जाए और एचपीएमसी व हिमफैड की दुकानों में सस्ते दामों को किसानों-बागवानों को कीटनाशक व उपकरण प्रदान उपलब्ध करवाए जाए।

सरकार से मिलेगा मंच
हरीश चौहान ने बताया कि नई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद संयुक्त किसान मंच का एक प्रतिनिधिमंडल बागवानों से मुलाकात करेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खुविंदर सिंह सुक्खु और आने वाले बागवानी मंत्री से मुलाकात की जाएगी और बागवानों की मांगो को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग उठाई जाएगी।

ये है 20 सूत्रीय प्रमुख मांगें
-सेब व अन्य फलों, फूलों व सब्जियों की पैकेजिंग में इस्तेमाल कार्टन पर जीएसटी समाप्त कर भरी वृद्धि वापस ली जाए। गुणवत्ता पर हो सरकारी नियंत्रण।
-सभी मंडियों में सेब व अन्य सभी फसलें वजन के हिसाब से बेची जाए।
-हिमाचल प्रदेश में भी कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना पूर्ण रूप से लागू की जाए
-एचपीएमसी व हिमफेड द्वारा गत वर्षों में बागवानों से लिए गए सेब का बकाया भुगतान किया जाए
-सेब पर आयात शुल्क कम से कम 100 प्रतिशत किया जाए तथा इसे मुक्त व्यापार संधि से बाहर किया जाए।
-प्रदेश की विपणन मंडियों में एपीएमसी कानून को सख्ती से लागू किया जाए और खुली बोली हो और बागवानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
-सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर इसे कानूनी रूप से लागू किया जाए।
-चार्ज, छूट, बैंक डीडी व अन्य चार्ज को तुरंत समाप्त किया जाए।
-किसानों से प्रदेश में विभिन्न बैरियरों पर ली जा रही मार्किट फीस शोघी बैरियर को बंद किया।
-खाद, बीज, कीटनाशक व अन्य लागत वस्तुओं पर दी जा रही सब्सिडी को पुन: बहाल किया जाए।
-कृषि व बागवानी के लिए प्रयोग में आने वाले उपकरणों सोयर, टिलर, एंटी हेल नेट आदि को वर्षों से लंबित सब्सिडी तुरंत प्रदान की जाए।

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