ई-नाम से जुड़ेगी हिमाचल की 7 नई मंडियां, केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति

हिमाचल प्रदेश की 7 नई मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़ा जाएगा। 7 नई मंडियों को ई-नाम से जोडऩे के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। मंडियों को ईनाम योजना से जोडऩे के लिए केंद्र सरकार ओर से 2 करोड़ 10 लाख रुपए की राशि भी हिमाचल को जारी की जाएगी। राज्य विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव सिंह ने बताया कि शिमला जिला से उपमंडी मेहंदली व उपमंडी खड़ापत्थर, किन्नौर जिले की उपमंडी टापरी, जिला मंडी से उपमंडी धनोटू तथा उपमडी चैलचौक और कांगडा जिले की उपमंडी बैजनाथ को ई-नाम पोर्टल से जोड़ा जाऐगा।

इन मंडियों को ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार से एकीकृत करने हेतु केद्र से 210 लाख रुपए की धनराशी भी प्राप्त होगी। इस राशि का व्यय योजना के क्रियान्वयन, कम्प्यूटर, गुणवता प्रयोगशालाएं, धर्मकाटों की स्थापना, इत्यादि पर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 190 लाख रुपए की धनराशी ग्रेडिंग-पैकिंग मूल्य संवर्धन इकाइयों की स्थापना हेतु ई-नाम मंडी पराला, परवाणू, भट्टाकुफर तथा रोहडू के लिए प्राप्त हुई है। गौरतलब है कि प्रदेश में ई-नाम के तहत पहले ही 19 मंडियों को ई-नाम से एकीकृत किया गया था ।

नई मंडियां जोड़े जाने से कुल 26 मंडियों में प्रदेश के बागवान व किसान ई-नाम स्कीम का लाभ उठा सकते हैं । अभी तक कुल 1,24,407 किसान, 1976 व्यापारी तथा 65 कृषि उत्पादक समूह पंजीकृति किया जा चुके हैं। ई-नाम पोर्टल के तहत कुल 230.98 करोड़ रूपये का व्यापार किया गया है तथा यह धन राशि 16,518 किसानों के खाते में सीधे ई-पेमेंट के तहत स्थांनात्रित की गई है । प्रदेश में नई मंडियां जोड़े जाने से प्रदेश के अन्य किसान व बागवान भी इस योजना से लाभान्वित होगें।


ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इस योजना के अन्तर्गत देश की थोक मंडियों को एक राष्ट्र व्यापी इलैक्ट्रोनिक मंच पर लाना था, जिससे किसानों व बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। इस योजना से किसानों को कृषि विपणन के एक विकल्पित मार्ग प्राप्त हुआ है। नरेन्द्र मोदी द्वारा इस योजना के तहत सोलन मंडी को उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने हेतु वर्ष 2017 व 2022 में दो बार प्रधानमंत्री पुरस्कार से नवाजा गया है।

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share