अब अदानी के स्टोर का घेराव करेंगे बागवान


जेल भरो आंदोलन के बाद अब बागवानों के अदानी के स्टोर को घेरने के लिए तैयारी कर ली हैं। सेब बागवान 25 अगस्त को ठियोग के सेंज, रोहड़ू और रामपुर के बिथल में बने अदानी के स्टोर को घेरने की तैयारी में हैं। इसके लिए बागवानो ने रणनीति तैयार कर ली हैं। दरअसल बागवान अदानी की ओर से खोले गए सेब के दामों से खुश नहीं हैं। अदानी ने 80 प्रतिशत रंग वाले प्रीमियम सेब के दाम 76 रुपए किलो तय किए हैं, जबिक बागवान इससे खुश नहीं हैं।
सेब बागवानों का कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सेब उत्पादन में आने वाली लागत में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई हैं। ऐसे में अदानी को भी सेब के दामों में पिछले वर्ष के मुकाबले 30 प्रतिशत तक सेब के दामों में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए। इसके अलावा 60 प्रशितत से लेकर 100 प्रतिशत रंग वाले सेब के लिए बराबर दाम तय किए जाए। इसके अलावा अदानी ने बी ग्रेड सेब के दाम सिर्फ 20 रुपए प्रति किलो निर्धारित किए हैं। बागवानों की मांग हैं कि बी ग्रेड सेब के दामों में भी बढ़ोत्तरी की जाए। बागवानों में जयराम सरकार के प्रति भी रोष है, क्योंकि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बागवानों को भरोसा दिलाया था कि नौणी यूनिवर्सिटी के कुलपति की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। इसमें बागवान भी होंगे और यह कमेटी सेब के बाजार भाव को देखते हुए अडानी और दूसरे निजी घरानों के लिए रेट ओपन करेगी, लेकिन अडानी समूह ने खुद ही सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मूल्य तय कर दिए। संजय चौहान ने कहा कि बीते साल कुछ निजी घरानों ने 85 रुपए तक प्रति किलो के हिसाब से सेब खरीदा। इस लिहाज से अडानी ने इस साल प्रीमियम सेब का रेट 9 रुपए प्रति किलो कम ओपन किया है, जबकि एक साल के दौरान इनपुट कॉस्ट में 30 से 80 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। निजी कंपनियों को लूट खसोट की इजाजत नहीं दी जाएगी।
बैकडेट से बनाई कमेटी
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि सरकार ने तीन रोज पहले तक कोई कमेटी नहीं बनाई थी और बागवानों को बेवकूफ बनाने के लिए कमेटी का बैकडेट में ऑर्डर जारी कर दिया। बागवान अब जाग गए हैं और अपने हक के लिए सडक़ों उतर गए हैं। संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि जो कमेटी बनाई गई है, उसकी आज तक बैठक नहीं हुई। ऐसे में अडानी ने कैसे सेब के रेट तय कर दिए। संयुक्त किसान मंच अडानी के रेटों को नहीं मानता, क्योंकि सरकार की मिलीभगत से बागवानों को लूटा जा रहा है। इसलिए 25 अगस्त को बागवान अडानी के तीनों स्टोर का घेराव करेंगे।

इन मांगों के लिए भी हो रहा हैं आंदोलन

  • कश्मीर की तर्ज पर सेब के लिए एमआईएस
  • 44 देशों से आयातित सेब पर 100 आयात शुल्क लगाए
  • कार्टन व ट्रे पर जीएसटी लौटने को लगाई जटिल शर्तें हटाएं
  • कार्टन व ट्रे पर जीएसटी पूरी तरह खत्म करने।
    -एपीएमसी एक्ट को पूरी तरह लागू करने।
  • एमपीएमसीके शोघी बैरियर पर अवैध वसूली रोकने
    -एमआईएस की बकाया राशि का भुगतान
  • सेब बेचने वाले दिन ही बागवानों को पेमेंट दिलाई जाए
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