पुराने बागीचे कनवर्ट करने को 2010 से चल रही यह योजना, आप भी ले सकते हैं लाभ

हिमाचल प्रदेश में सेब के पुराने बागीचों को नए बागीचों में बदला जा रहा है। पारंपरिक तरीके से लगाए गए सेब के पौधों को हाई डेंसिटी बागीचों में तैयार करने का क्रेज प्रगतिशील बागवानों में बढ़ता जा रहा है। हिमाचल सरकार द्वारा पुराने बागीचों को नए बागीचों में तब्दील करने के लिए एक योजना भी शुरू की गई है। इस योजना का नाम सेब जीर्णोद्धार येाजना है।


वर्ष 2010 में यह योजना शुरू की गई थी। ज्यादात्तर बागवानों को इस योजना के बारे में जानकारी नहीं हैं, लेकिन इस योजना के तहत बागवानों को सेब के पुराने बागीचों को आधुनिक बागीचों में बदलने के लिए सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना केंद्रीय प्रायोजित कृषि विकास योजना द्वारा वित्त पोषित हैं।

मुख्यरूप से यह योजना राज्य के छह प्रमुख सेब उत्पादक जिलो में चलाई जा रही हैं। इनमें शिमला, किन्नौर, कुल्लू, सिरमौर, मंडी एंव चंबा जिला शामिल हैं। इस योजना के तहत 20,681 बागवानों को लाभान्वित करने के लिए 2082.63 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है।

किस जिला को कितनी राशि का आबंटन

जिला आबंटित धनराशि खर्च धनराशि लाभार्थी
सिरमौर 342.90 लाख 342.90 लाख 1479
चंबा 28.81 लाख 26.27 लाख 200
किन्नौर 65.28 लाख 50.64 लाख 321
शिमला 1081.36 लाख 939.45 लाख 10,096
मंडी 180.67 लाख 173.47 लाख 1284
कुल्लू 549.90 लाख 590.90 लाख 7301
कुल 2248.93 लाख 2082.63 लाख 20,681

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