प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के लिए खुशखबरी-उत्पाद बेचने के लिए खुलेंगी 10 मंडियां

प्रदेश में प्राकृतिक खेती कर रहे किसान-बागवानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा बजट में प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती के उत्पाद बेचने के लिए 10 मंडियां खोलने की घोषणा पर काम करते हुए मंडियों के लिए जगहें चिन्हित कर ली हैं। इन मंडियों से किसान-बागवान अपने उत्पाद सीधे बेच सकेंगे जिससे बाजार को लेकर आ रही समस्या का समाधान होगा साथ ही किसानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।

प्रदेश एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ने प्रदेश के नौ जिलों की दस मंडियों में किसानों की सुविधा के लिए दस मंडियों में उनके उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष स्थान की व्यवस्था कर दी है। इसमें ऊना, सोलन के धर्मपुर, मंडी के धनोटू, कुल्लू के भुंतर, बिलासपुर जिला के नम्होल, कांगड़ा के पालमपुर, सिरमौर के पॉंवटा साहिब, शिमला के ठियोग और मेहंदली कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष में स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा।

शिमला के मेहंदली और किन्नौर के टापरी मंडी में सिर्फ प्राकृतिक खेती से तैयार सेबों की बिक्री के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अलग से मंडियों को स्थापित करने की अपनी तैयारी शुरू कर दी है ताकि किसान बागवानों को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए अच्छा प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया जा सके। यहां पर किसान बागवान सीधे अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे। उन्हें बिचौलियों के हाथों से लुटने से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि उन्हें उनकी मेहनत का सीधे फल मिल सके।

केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों बागवानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। इसे हासिल करने के की दिशा में ही राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। इससे लोगों को भी महंगाई से थोड़ी राहत मिलेगी और उन्हें किसानों द्वारा तैयार उत्पाद सीधे उन्हीं के द्वारा उपलब्ध हो सकेगा। कृषि उपज बिक्री में बीच में एजैंटों की कमीशन का कोई खेल नहीं रहेगा।

कृषि विभाग ने इस साल प्रदेश में 50 हजार एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अधीन लाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश भर में अभी तक 1.71 लाख किसान- बागवान इस खेती से जुड़ चुके है। इसके अलावा विभाग प्रदेश में कम से कम 100 गांवों को राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्राकृतिक खेती गांव के रूप में चिन्हित करेगा। जहां पर साल भर इसी तकनीक से खेती की जाएगी। सचिव कृषि राकेश कंवर ने कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए दस मंडियां चिन्हित कर दी है। यहां पर किसान बागवान उत्पादों की बिक्री करके अपनी आय अर्जित कर सकेंगे।

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