सेब की फसल पर गर्मी भारी, पौधों में सूखने लगे फूल

हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में 5 हजार करोड़ रुपए का योगदान देने वाली सेब की फसल इस बार फिर संकट के बादल मंडरा रहे है। पिछले कुछ वर्षो में जहां ओलावृष्टि सेब की फसल के लिए संकट बनी हुई थी, तो वहीं इस बार गर्मी सेब की फसल के लिए खतरा बन गई है। मार्च और अप्रैल माह में ही मई और जून के जितनी गर्मी पड़ रही है। लोअर बेल्ट में इन दिनों तापमान 30 से 32 के डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है।
सेब के बागीचों में फ्लावरिंग के लिए 18 से 24 डिग्री का तापमान सबसे सही माना जाता है। लोअर और मिडिल बेल्ट में तापमान 25 डिग्री से ऊपर चल रहा है। इसके कारण सेब के पौधों में फूल खिलने की सभी स्टेज 3 से 4 गुणा तेजी से पुरी हो रही है। फूल खिलने की स्टेजिस समय से पहले पूरी होने के कारण बागीचों में पॉलिनेशन की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। फूलों में पॉलिनेशन में मदद करने वाला पोलन गर्मी के कारण सूखने लग गया है। वैसे तो तेज गर्मी के कारण इस बार पहले से ही मधुमक्खियों की संख्या कम हैं, लेकिन थोड़ी बहुत मधु मक्खियां जो बागीचों में है। वह पोलन सूखने के कारण उसे एक फूल से दूसरे फूल के लिए नहीं ले जा पा रही है।
हिमाचल में सर्दियों के दौरान हुई अच्छी बारिश व बर्फबारी से बागीचों में अच्छी नमी थी। नमी अच्छी होने के कारण बागवानों को उम्मीद थी कि इस बार सेब की फसल अच्छी होगी, लेकिन मौसम के अचानक करवट बदलने से बागवानों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। बागवानों की माने तो इस सेब सीजन काफी कम पेटियों में ही निपट सकता है। अगर ज्यादा दिनों तक यही स्थिति रहती हैं तो छोटे व मध्यम बागवानों के खतरा पैदा सकता है। सेब के साथ साथ बाकी फसलें भी तेज गर्मी के कारण सूखने की कगार पर आ गई है।
पौधों के सूखने का भी खतरा: बिष्ट


प्रोगे्रसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ठ का कहा है कि कडक़ती धूप से बढ़ते तापमान के कारण बागीचों से नमी तेजी से गायब हो रही है। नमी न होने के कारण पौधें स्ट्रैस में जा रहे हैं। अगर हालत रहती हैं तो आने वाले दिनों में पौधों के सूखने का क्रम भी जारी हो सकता है। फ्लावरिंग की पहली स्टेज में सेब की सेटिंग हुई थी, लेकिन इसके बाद बाकी स्टेटज जल्दी से पूरी हो रही है। इनमें सेब की सेटिंग नहीं हो पा रही है। वहीं तेजी से बढ़ रही गर्मी के कारण पहली स्टेज में सेट हुआ फ्रूट भी आने वाले दिनों में झड़ सकता है। वहीं सेट हुआ फ्रूट अच्छे तरीके से डवलप भी नहीं हो पा रहा है।


तबाह होने के कगार पर सेब की फसल


यंग एंड यूनाइटेड ग्रोवर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रशांत सेहटा का कहना है गर्मी के कारण बागीचों में पोलन सूख गया है। फ्लावरिंग की स्टेजिस जल्दी पूरी हो रही है। सेब के बागीचों में पंखुडुपात जल्दी हो रहा है। नमी कम होने के कारण पौधे स्टे्रस में जा चुके है। ऐसे इस बार सेब सीजन पिछले वर्ष से भी आधा सकत है। तेजी से पूरी हो रही स्टेजिस का सेब की फसल पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। आने वाले दिनों में भी हालत यही रहती है, तो सेब की फसल पूरी तरह से तबाह हो सकती है ।
एक हफ्ता जारी रहेगा गर्मी का प्रकोप
वहीं मौसम विभाग की माने तो आने वाले एक हफ्ते मौसम साफ रहेगा। ऐसे में प्रदेश में गर्मी का प्रकोप और अधिक बढ़ेगा। बढ़ते तापमान के कारण किसानों बागवानों की दिक्कतों में और ज्यादा इजाफा होगा। सेब की फसल के अलावा नाशपाती, स्टोन फ्रूट और सब्जी फसले भी सूखने लगी है।

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share