फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट, नर्सरी, कोल्ड स्टोर लगाना चाहते हैं, तो यह मिलेगा मदद

food factory: assembly line with apples and workers

हिमाचल प्रदेश के किसान व बागवान भी अब उद्यमी बन सकते है। सरकार की ओर से किसानों व बागवानों को उद्यम स्थापित करने के लिए अधिकतम 60 लाख रुपए तक लोन दिया जाएगा। प्रदेश में बागवानी के विकास के लिए विश्व बैंक की सहायता से शुरू की गई बागवानी विकास परियोजना के तहत किसानों व बागवानों को यह लोन उपलब्ध करवाया जाएगा।


बागवानी विकास योजना के तहत कृषि व बागवानी से जुड़े उद्यम स्थापित करने के लिए मैचिंग ग्रांट स्कीम शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत निजी क्षेत्र में कृषि व बागवानी से जुड़े उद्यम स्थापित करने के लिए अधिकतम 60 लाख रुपए तक का लोन प्रदान किया जाएगा। पुरूषों को उद्यम की लागत का 30 प्रतिशत लोन प्रदान किया जाएगा।

जबिक महिलाओं एवं शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्त्यिों को 35 प्रतिशत तक लोन प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक उम्मीद्वार एचडीपी प्रोजेक्ट की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाऊनलोड कर सकते है। या फिर एचडीपी प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यालय शिमला या अन्य जिलों में स्थापित किए गए कार्यालयों से भी आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते है।

आवेदन करने के बाद कमेटी सभी आवेदनों की छंटनी की जाएगी। इसके लिए योजना के तहत स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है। स्क्रीनिंग कमेटी से आवेदन मंजूर होने के बाद डीपीआर तैयार करनी होगी। डीपीआर तैयार करने के लिए उद्यमी को 60 दिनों का समय प्रदान किया जाएगा।

आवेदन करने वाले व्यक्ति को जहां पर उद्यम स्थापित करना है उस जगह की नकल और ततीमा भी पेश करना होगा। इसके अलावा उस स्थान पर वनो की कटाई न हो और पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। यह भी सुनिश्चित करना होगा। इन सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के लिए उद्यमी को लोन की राशि तय नियमों के हिसाब से प्रदान करवाई जाएगी।

इन उद्यमों के लिए मिलेगा लोन
बागवानी विकास परियोजना के तहत शुरू की गई मैचिंग ग्रांट स्कीम योजना के लिए निजी क्षेत्र में बागवानों को उद्यम स्थापित करने के लिए लोन दिया जाएगा। कृषि व बागवानी से जुड़े करीब 16 उद्यम तय किए गए है। इनमें फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट, मधुमक्खी पालन, नर्सरी, मधुमक्खी पालन, मृदा जांच व पत्ती जांच लैब सीए स्टोर व कोल्ड स्टोर, ग्रेडिंग व पैकिंग चैन समेत 16 उद्यम स्थापित करने को लोन दिया जाएगा।

डीपीआर तैयार करने में भी मिलेगी सहायता
बागवानी विकास परियोजना के तहत कृषि व बागवानी से जुड़े उद्यम स्थापित करने के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी। आपका आवेदन स्वीकृत होने के 60 दिनों के अंदर आपको डीपीआर तैयार करनी होगी। डीपीआर तैयार करने के लिए बागवानी विकास योजना के अधिकारी आपकों सहायता प्रदान करेंगे। इसके अलावा इन उद्योगों सही तरीके संचालित करने के लिए भी मेंटरशिप दी जाएगी।

बागवानी विकास परियोजना के तहत मैचिंग ग्रांट स्कीम शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत निजी क्षेत्र में कृषि व बागवानी से जुड़े उद्यमों को स्थापित करने के लिए अधिकतम 60 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा। साथ ही डीपीआर बनाने में भी मदद की जाएगी। इच्छुक व्यक्ति बागवानी विकास परियोजना की वेबसाइट एचडीपी-पीडी-एचपी एट द रेट गर्वमेंट डॉट इन पर लॉग इन कर सकते हैं।
-राजेश्चर गोयल, परियोजना निदेशक, बागवानी विकास परियोजना

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