अब पशुओं से टैग निकाल सड़क पर बेसहारा छोड़ रहे लोग

हिमाचल में पशुओं को बेसहारा सड़कों पर छोडने के लिए पशुपालन विभाग जुर्माने का प्रावधान किया है, ताकि लोग पशुओ को बेसहारा छोडऩा बंद कर दें। इसके साथ ही पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं की टैगिंग भी की जा रही है, ताकि पशुओं को बेसहारा सडक़ों पर छोडऩे वाले लोगों की पहचान की जा सके। पशुपालन विभाग की ओर से जुर्माने व टैगिंग के प्रावधान के बाद भी प्रदेश में लोगों ने पशुओं को बेसहारा छोडऩा बंद नहीं किया है। लोग पशुओं के कानों से टैग हटाकर पशुओं को बेसहारा छोड़ रहे हैं।


विधानसभा में करसोग विधानसभा क्षेत्र के विधायक दीपराज ने सवाल उठाया था कि क्या लोग पशुओं से टैग हटाकर पशुओं को सडक़ों पर छोड़ रहे हैं। अगर ऐसा है तो फिर सरकार इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठा रही हैं। पशुपालन मंत्री की ओर से दिए गए लिखित जवाब में उन्होंने भी माना है कि प्रदेश में पशुओं से टैग हटाकर लोग उन्हें सडक़ों पर बेसहारा छोड़ रहे हैं। उन्होंने जवाब में लिखा हैं कि प्रदेश में इन्फोरमेशन नेटवर्क पर एनिमल प्रोडक्टविटी एंड हेल्थ के तहत गौवंश की टैगिंग की जा रही हैं, लेकिन यह देखने में आया है कि लोग पशुओं को बेसहारा छोड़ते समय टैग हटा देते हैं, ताकि उनकी पहचान न की जा सके।

यह समस्या सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी से हल हो सकती हैं। सरकार द्वारा समय समय पर पशुपालन विभाग एवं सहयोगी विभागों द्वारा लगाए जाने वाले शिविरों और प्रशिक्षण कार्यक्रमो में लोगों को इस बारे में जागरूक कर रही है। यह समस्या तभी हल हो सकती है जब लोग पशुओं को बेसहारा छोडऩा बंद करें या उन्हें नजदीक की गौशाला तक छोडऩे की जिम्मेवारी उठाएं। उन्होंने सवाल के लिखित जवाब में बताया है कि उम्मीद है कि विभाग द्वारा प्रदेश में चल रही गौशालाओं तथा नई बनाई जा रही बड़ी गौशालाओं के सुचारू संचालन से बेसहारा पशुओं की संख्या में कमी आएगी।

पशु बेसहारा छोडऩे पर इतना जुर्माना
वर्तमान में पशुओ को बेसहारा छोडऩे पर हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज अधिनियम 2006 के तहत गौ-जातीय पशुओं के मालिक ग्राम पंचायत द्वारा पशुओं के पंजीकरण करवाने तथा पंजीकरण के बाद पशुओं को आवारा छोड़ते हैं, तो फिर उन पर प्रथम अपराध करने पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाता हैं, दूसरी बार अपराध करने पर 700 रुपए का जुर्माना लगाया जाता हैं। जुर्माने के प्रावधान के बावजूद भी लोग पशुओं को बेसहारा छोडऩे से बाज नहीं आ रहे हैं।

कितने पशुओं की हुई टैगिंग
हिमाचल में इनफोरमेशन नेटवर्क फॉर एनीमल प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ के तहत गौवंश की टैगिंग की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 20 मार्च 2023 तक 16,70,102 गौंवंश और 5,72,034 भैंसों की टैगिंग की जा चुकी हैं। यह कुल गौ जातीय पशुओं की संख्या का 90.60 प्रतिशत है और यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

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