मई में बर्फबारी, 13 से फिर बारिश का अलर्ट किसानों-बागवानों की बढ़ी चिंताएं

मई के महीने में जहां गर्मियां पसीने छुड़ाती है वहीं हिमाचल में बारिश बर्फबारी का दौर जारी है। सोमवार की रात और मंगलवार सुबह लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला में बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से प्रदेश की ऊंची चोटियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है।

मौसम विभाग के अनुसार लाहौल स्पीति जिला के हंसा में सबसे ज्यादा 20 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है। वहीं केलोंग में 12 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है। गोंदला में 11 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है। वहीं किन्नौर जिला के कल्पा में भी बर्फबारी हुई है। यहां पर 4 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है।

वहीं राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों बारिश हुई है। कसौली में 17 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा भरमौर में 23 मिलीमीटर, कोठी और जुब्बल में 20 मिलीमीटर, रिकांगपिओं और चौपाल में 19 मिलीमीटर, चुवाड़ी में 18 मिलीमीटर, मनाली में 17 मिलीमीटर, कल्पा में 14 मिलीमीटर, सराहन में 13 मिलीमीटर, रोहड़ू में 12, धर्मपुर, रामपुर और बंजार में 11 मिलीमीटर बारिश हुई है।

वहीं मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में 12 मई तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। इस दौरान प्रदेश में कहीं भी बारिश की संभावना नहीं हैं, लेकिन 13 मई से फिर बारिश, ओलावृष्टि व बर्फबारी का दौर शुरू हो जाएगा। 13 मई को फिर से प्रदेश में बारिश व ओलावृष्टि को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में साफ है कि प्रदेश में लोगों को अभी बारिश व ओलावृष्टि से छुटकारा नहीं मिलने वाला है।

किसानों-बागवानों की चिंताए बढ़ी

हिमाचल प्रदेश में पिछले काफी समय से हो रही लगातार बारिश के कारण किसानों बागवानों की चिंताए बढ़ गई है। फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। मैदानी क्षेत्रों में गेंहू की फसल को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। गेंहू की फसल लगातार बारिश के कारण काली पड़ गई है। कई क्षेत्रो में बारिश के कारण गेंहू की फसल खेतो मे बिछ गई हैं। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं ऊपरी क्षेत्रों में बागवानों की परेशानियां भी बढ़ गई है। लगातार हो रही बारिश से वातावरण में नमी काफी ज्यादा है। इसके कारण फंफूदी जनित रोगों के फैलने की संभावनाए हैं।

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share