ड्रोन पॉलिसी हिमाचल: ड्रोन से जुड़ा स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो सरकार देगी सब्सिडी, यह फीस भी होगी माफ

हिमाचल सरकार ने सोमवार को हुई केबिनेट की बैठक में ड्रोन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश देश में ड्रोन पॉलिसी को तैयार कर केबिनेट से मंजूर कराने वाला पहला राज्य बन गया है। देश में अभी तक किसी भी राज्य में ड्रोन पॉलिसी को मंजूर नहीं किया गया है। पालिसी में ड्रोन के प्रयोग, ड्रोन उत्पादन व युवाओं को ड्रोन के प्रयोग के प्रशिक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। हालांकि हिमाचल में ड्रोन का प्रयोग केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित ड्रोन नियमों के तहत ही होगा। यानि ड्रोन चलाने के लिए अनुमति लेना जरूरी होगा।
हिमाचल सरकार को आईटी विभाग की ओर से तैयार की गई ड्रोन पॉलिसी के मुताबिक हिमाचल में ड्रोन व इससे जुड़े उपकरणों की मैन्यूफेक्चिरंग, ट्रैनिंग और रिपेयर के लिए उद्यमियों को कई प्रकार की छूट प्रदान की जाएगी। उद्यमियों को डीपीआर बनाने में आने वाले खर्च में 50 प्रतिशत रिबंर्समेंट का प्रावधान है। इसके अधिकतम सीलिंग एक लाख रखी गई है।

पॉलिस में उद्यमियों का विभाजन 2 श्रेणियों में किया गया है। डीएसडीएम और डीईटीएस उद्यमी। डीएसडीएम उद्यमियों में ड्रोन की डिजाइनिंग, टेस्टिंग और मैन्यूफेक्चिरंग करने वाले उद्यमी है। डीईटीएस में ड्रोन से संबंधित सेवाएं प्रदान करने वाले उद्यमी है। इनमें ड्रोन से संबंधित ट्रैनिंग, रिपेयरिंग करने वाले उद्यमी है। डीईटीएस श्रेणी के उद्यमियों को पहले वर्ष 75 प्रतिशत लीज रेंटल सब्सिडी मिलेगी। इसकी अधिकत सीमा 15 लाख होगी। दूसरे वर्ष 50 प्रतिशत सब्सिडी जिसकी अधिकत सीमा 10 लाख होगी। वहीं तीसरे वर्ष 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा 5 लाख होगी। वहीं डीएसडीएम श्रेणी के उद्यमियों को पहले वर्ष 85 फीसदी लीज रेंटल सब्सिडी मिलेगी। अधिकतम सीमा 20 लाख होगी।

दूसरे वर्श 60 प्रतिशत लीज रेंटल सब्सिडी मिलेगी। अधिकतम सीमा 15 लाख होगी। तीसरे वर्ष 35 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। अधिकतम सीमा 10 लाख रहेगी। पॉलिसी के मुताबिक उद्यमियों को जमीन की खरीद के लिए केपिटल सब्सिडी भी दी जाएगी। इसमें डीईटीएस श्रेणी के उद्यमियों को 25 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। इसकी अधिकतम सीलिंग 1 एक करोड़ होगी। वहीं डीएसडीएम श्रेणी के उद्यमियों को 50 प्रतिशत तक केपिटल सब्सिडी मिलेगी। अधिकम सीमा 2 करोड़ रुपए की होगी।

उद्यामियों यहां भी मिलेगी छूट स्टांप डयूटी व रेजीस्टे्रशन फीस में छूट

चेंज इन लेंड यूज फीस में भी छूट

लोन के ब्याज पर 5 प्रतिशत छूट

सात साल तक एसजीएसटी में 100 फीसदी रिंबर्समेंट

मशीनरी ट्रांसपोर्ट कैरिज मेें 50 फीसदी रिंबर्समेंट

मार्केट डवलममेंट सपोर्ट भी मिलेगा

क्वालिटी सर्टिफिकेशन के खर्च में 50 प्रतिशत रिंबर्समेंट

4 साल के लिए पॉवर टैरिफ की 50 प्रतिशत अदायगी

आईटीआई शाहपुुर में बनेगा ट्रैनिंग स्क्ूल

ड्रोन पॉलिसी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के शिक्षणा संस्थानों में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत ड्रोन के प्रयोग और ड्रोन उत्पादन से जुड़े कोर्स शुरू किए जाएंगे। कांगड़ा जिला के आईटीआई शाहपुर में ड्रोन फ्लाइंगि ट्रैनिंग स्कूल तैयार किया जाएगा। यह स्कूल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के सहयोग से तैयार किया जाएगा। इस स्कूल में ड्रोन पाइलेट कोर्स चलाया जाएगा। इसक अलावा प्रदेश के अन्य शिक्षण संस्थानों में 2 से 3 साल के डिग्री व डिप्लोमा कोर्स चलाए जाएंगे।

ड्रोन से सीमाओं की निगरानी

ड्रोन पॉलिसी के अनुसार प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन से सुविधाएं पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा राष्ट्रीय व राज्य सीमाओं की निगरानी भी ड्रोन के माध्यम से की जाएगी और भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी ड्रोन की कड़ी नजर रहेगी। ड्रोन के माध्यम से आपदाओं की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं के भी दुगर्म इलाकों तक पंहुचाया जाएगा। माइनिंग व गैर कानूनी गतिविधियों पर भी नजर रहेगी। फसल उत्पादन का डाटा भी ड्रोन से एकत्र किया जाएगा। सब्जियों व फल फसलों में ड्रोन के माध्यम से छिडक़ाव होगा।

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