पंचायतें तो खोल दी, लेकिन पद स्वीकृत करना भूली सरकार

ई पंचायतों का गठन इसलिए किया गया था, ताकि लोगों की परेशानियां कम हो सकें, लेकिन पद स्वीकृत न होने से परेशानियां दोगुनी हो गई है।छोटे-छोटे कामों के लिए भी इन पंचायतों के लोगों कोई कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है।

पंचायतीराज चुनावों से पहले सरकार ने प्रदेश में 389 पंचायतों तो खोल दी, लेकिन इन पंचायतों में स्टाफ भर्ती करना सरकार भूल गई है। आलम यह है कि पंचायतीराज चुनावों के 10 महीने बाद भी 389 पंचायतों में अभी तक कोई पद स्वीकृत नहीं किया गया है। पदों के स्वीकृत न होने से इन पंचायतों में कामकाज काफी ज्यादा प्रभावित हो रहा है।


पंचायतीराज विभाग ने 389 पंचायतों में पदों के सृजन के लिए कई बार मामला फाइनांस विभाग और टेक्रिकल विंग के समक्ष उठाया हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इन पंचायतों में पद सृजित नहीं हुए है। सूत्रो का कहना है कि फाइनांस विभाग से कई बार ओबजेक्शन लगाकर फाइल वापिस की जाती है, तो भी पंचायतीराज विभाग से क्वेरी मांगी जाती है। ऐसे में इन पंचायतों में अभी तक न तो पंचायत सचिव है, न तकनीकी सहायक है, न ग्राम रोजगार सेवक है और न हीं अभी तक कोई चौकीदार है।

स्टाफ न होने के कारण इन पंचायतों का काम साथ लगती पंचायतों का स्टाफ देख रहा है। साथ लगती पंचायतों के पंचायत सचिव व अन्य स्टाफ को इन पंचायतों का काम देखने के लिए अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। गौरतलब है कि जनवरी माह में हुए पंचायतीराज चुनावों से पहले प्रदेश में 412 पंचायतों का गठन किया गया था। इनमें से कुछ पंचायतों नगर निगम व नगर परिषदों के दायरे में आ गई थी। ऐसे में प्रदेश में नई पंचायतों की संख्या 389 रह गई थी। 389 पंचायतों के साथ प्रदेश में कुल पंचायतों की संख्या 3615 हो गई है।

नई पंचायतों में पद स्वीकृत न होने के कारण सरकार की कार्य प्रणाली एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है। लोगों ने सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए है। लोगों का कहना है कि राजनैतिक लाभ के लिए सरकार ने नई पंचायतों का गठन तो कर दिया है, लेकिन पदों को स्वीकृत करना सरकार भूल गई है। ऐसे में इन पंचायतों में लोगों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है।

छोटे-छोटे कामों के लिए भी इन पंचायतों के लोगों कोई कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि नई पंचायतों का गठन इसलिए किया गया था, ताकि लोगों की परेशानियां कम हो सकें, लेकिन पद स्वीकृत न होने से परेशानियां दोगुनी हो गई है। पद सृजित न होने के कारण साथ लगती पंचातयों के सचिवों को 2-2 पंचायतों का काम देखना पड़ रहा है। वहीं तकनीकी सहायकों और ग्राम रोजगार सेवकों को 4-5 पंचातयों का काम देखना पड़ रहा है।

नई बनी 389 पंचायतों में 227 पंचायतों को पंचायत भवन के लिए निर्माण के अभी तक भी जमीन नहीं मिल पाई है। ऐसे में इन पंचायतों में पंचायत भवन के निर्माण के लिए जमीन की तलाश अभी भी जारी है। वहीं 162 पंचायतों को पंचायत भवन के निर्माण के लिए जमीन मिल चुकी है। इन पंचायतों को पंचायती राज विभाग की ओर से 18.73 करोड़ रुपए की राशि पंचायत भवन के निर्माण के लिए जारी कर दी गई है।

389 पंचायतों में कितने पदों की जरूरत
पद नाम पदों की संख्या
पंचायत सचिव 389
तकनीकी सहायक 124
चौकीदार 389
ग्राम रोजगार सेवक 389

नई पंचायतों में पदों को स्वीकृत करने के लिए पंचायतीराज विभाग की ओर से वित्त विभाग को मामला भेजा गया है। वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद इन पंचायतों में पदो को स्वीकृत किया जाएगा और पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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