बागवानी से जुड़ा स्टार्टअप शुरू करें, विश्वबैंक देगा सब्सिडी

बागवानी से जुड़ा उद्यम स्थापित करने के लिए प्रदेश के लोगों को विश्वबैंक की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यह सब्सिडी विश्व बैंक पोषित बागवानी विकास परियोजना के तहत प्रदान की जाएगी। अगर कोई भी व्यक्ति से जड़ा उद्यम स्थापित करना चाहता हैं तो फिर वह 5 अक्तूबर तक आवेदन जमा कर सकता हैं। बागवानी विकास परियोजना के तहत राज्य के बागवानी क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एग्री बिजनेस प्रमोशन फैसिलिटी का गठन किया गया हैं।

एग्री बिजनेस प्रमोशन फैसिलिटी, मूल्य वर्धन और कृषि उद्यम विकास का भाग हैं। यह राज्य के बागवानी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए कार्यरत्त हैं। इसी के तहत इच्छुक व्यक्तियों को उद्यम स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती हैं। किसानों बागवानों को अधिकतम 60 लाख रुपए का उद्यम लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी। पहले चरण में 30 फीसदी, दूसरे चरण में 40 फीसदी और तीसरे चरण में 30 फीसदी की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

उद्यम स्थापित करने के इच्छुक उम्मीदवार [email protected] पर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा एबीपीएफ यानि एग्री बिजनेस प्रमोशन फैसिलिटी के तहत सोलन, शिमला, कांगड़ा और मंडी के लिए अलग अलग टीमे बनाई गई हैं। सोलन जिला के तहत आने वाले बागवान 93110-18839 और 94405-14499 पर संपर्क कर सकते हैं। मंडी जिला के तहत आने वाले लोग 98111-85010 और 78762-13152 हैं। कांगड़ा जिला के किसान बागवान 77810-04578 व 62835-66648 पर संपर्क कर सकते हैं। शिमला जिला के किसान बागवान 88944-97175 पर संपर्क कर सकते हैं।

डीपीआर बनाने में भी मिलेगी सहायता

उद्यम स्थापित करने के इच्छुक व्यक्तियों को को डीपीआर स्थापित करने में भी सहायता मिलेगी। एबीपीएफ टीम उद्यमियों को बैंक से जुडऩे में भी मदद करेगी। वित्तीय साक्षरता पर भी उद्यमियों का मार्गदर्शन कियाजाएगा। कृषि उद्यमियों की समस्याओं को उपयुक्त मंच पर भी साझा किया जाएगा।

सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया

  • उद्यामियों को आवेदन जमा करने के लिए एचपीएचडीपी द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।
    -आवेदकों के जमा किए गए आवेदनों की एबीपीएफ द्वारा जांच की जाएगी।
    -प्रारंभिक स्क्रीनिंग के बाद जो आवेदन उपयुक्त होंगे, उनकी डीपीआर बनाने को कहा जाएगा और सहायता भी मिलेगी।
  • फिर डीपीआर का मूल्याकंन एक स्वतंत्र पैनल द्वारा किया जाएगा।
  • मूल्यांकन के बाद आवेदकों को सब्सिडी के लिए सूचित किया जाएगा और एग्रीमेंट बनेंगा।
  • सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से जारी की जाएगी। सब्सिडी जारी करने से पहले प्रोग्रेस निरीक्षण होगा।

    इन उद्योगों के लिए मिलेगी सब्सिडी

    -नर्सरी की स्थापना, फल एवं सब्जी प्रोसेसिंग यूनिट, सेब पेकिंग-ग्रेडिंग यूनिट, सेब के चिप्स बनाने के लिए, सेब का सिरका बनाने को, शहद उत्पादन व प्रोसेसिंग के लिए, हाई बागवानी के लिए ट्रैलिस व एंटीहेल नेट, गुटलीदार फलो का प्रोसेसिंग यूनिट, पैकेजिंग इकाई स्थापित करने के लिए, पत्ती पोषण और मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला, बागवानी प्रबंधन एजेंसी के लिए और ई-कॉमर्स गतिविधियां श्ुारू करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
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