प्रवक्ताओं के लिए मुख्याध्यापक बनने के एक विकल्प का विरोध


प्रवक्ताओं के मुख्याध्यापक बनने के लिए एक विकल्प करने की घोषणा का विरोध होने लगा है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में शिक्षा सचिव से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा सचिव को बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा अपने बजट भाषण में 26 अप्रैल 2010 के बाद टीजीटी से पदोन्नत हुए प्रवक्ताओं को एक मुश्त मुख्याध्यापक बनने का विकल्प देने की घोषणा की थी, इस घोषण से प्रवक्ताओं के एक कैडर को नुकसान होगा।नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि यदि 26 अप्रैल 2010 के बाद पोन्नत प्रवक्ताओं के लिए मुख्याध्यापक बनने के विकल्प को एकमुश्त बहाल किया जाता है तो लगभग 25
वर्षो से मुख्याध्यापक के पद पर पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे टीजीटी को इससे नुकसान होगा। यह टीजीटी आने वाली पदोन्नति सूची में पदोन्नत होकर मुख्याध्यापक बनने की उम्मीद में हैं। प्रवक्ताओं को मुख्याध्यापक बनने के एक विकल्प की घोषणा के कारण वह फिर मुख्याध्यापक पदोन्नत नहीं हो पाएंगे क्योंकि शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार 26 अप्रैल 2010 से पहले जो शिक्षक पदोन्नति पदोन्नत होता था उसके पास दो विकल्प होते थे या तो वह मुख्य अध्यापक का विकल्प चुने या प्रवक्ता का। 26 अप्रैल 2010 के बाद पदोन्नत होने वाले टीजीटी के पास दो विकल्प थे। यदि वह टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति का विकल्प चुनता है तो पहली बात तो यह कि उसको एक पदोन्नति उसी समय मिल जाती है। अगर पदोन्नति प्रवक्ता से प्रवक्ता से प्रधानाचार्य पद के लिए होगी दूसरी तरफ यदि कोई शिक्षक मुख्याध्यापक पदोन्नति का विकल्प चुनता है तो उसे एक लंबी सेवा के बाद मुख्य अध्यापक बनने का अवसर मिलता है। तत्पश्चात वह प्रधानाचार्य बन पाता है, लेकिन यदि सरकार के द्वारा पीजीटी को विकल्प एकमुश्त बहाल किया जाता है तो उससे जो टीजीटी पहले प्रवक्ता पदोन्नत हो चुका है वह फिर से मुख्य अध्यापक बनने का दावेदार हो जाता है। जबकि दूसरी तरफ जिस टीजीटी में मुख्य अध्यापक बनने का विकल्प दिया है। विज्ञान अध्यापक संघ ने शिक्षा सचिव महोदय के माध्यम से सरकार से यह मांग की है कि एकमुश्त बहाली करने से टीजीटी कैडर के लगभग एक बहुत बड़े कैडर को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा जोकि तर्कसंगत नहीं है। सरकार से दोबारा यह मांग की जाती है की एकमुश्त प्रवक्ता से पदोन्नत मुख्य अध्यापक पदोन्नति के लिए जो एकमात्र विकल्प बहाल करने की बात की जा रही है उसे वापस लिया जाए। इससेे कि पीजीटी कैडर के एक बहुत बड़े वर्ग को राहत मिलेगी और विज्ञान अध्यापक संघ को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ऊपर पूरा भरोसा है कि वह टीजीटी कैडर की जायज मांग पर पुन: विचार करेंगे और इस निर्णय को इस निर्णय को वापस लेकर टीजीटी कैडर को राहत प्रदान करेंग। शिक्षा सचिव महोदय ने सारी बातों पर विस्तृत से चर्चा की एवं इस पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महासचिव अवनीश कुमार, कोषाध्यक्ष लवलीन मीडिया इंचार्ज सुनील वर्मा ओमप्रकाश निर्माण जिला चंबा के प्रधान राजीव राठौर उना के प्रधान चंद्र के गुप्ता एवं अन्य उपस्थित रहे।

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