एमएमयू पर रेगुलेटरी कमीशन की कार्रवाई, 45 लाख पेनेल्टी

महर्षि मारकंडे यूनिवर्सिटी यानि एमएमयू पर निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने कड़ी कार्रवाई की है। एमएमयू पर 2 छात्राओं से ज्यादा 15 लाख ज्यादा फीस वसूल करने की एवज में 45 लाख रुपए की पेनेल्टी लगाई गई है। 2 छात्राओं की ओर से एमएमयू के खिलाफ की गई शिकायत के बाद एमएमयू पर यह पेनेल्टी लगाई गई है।


निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के चैयनमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक ने बताया कि एमएमयू से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही 2 छात्राओं डॉक्टर निवेदिता और डॉ यामिनी ने रेगुलेटरी कमीशन में शिकायत दर्ज करवाई थी। इन दोनो शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि साढ़े चार साल के कोर्स के एवज में एमएमयू ने 5 साल की फीस छात्राओं से वसूल की है।

इसके अलावा हॉस्टल व अन्य चार्जेज भी छात्राओं से ज्यादा वसूल किए गए है। छात्राओं की शिकायत के बाद निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने इस बारे में केस चलाया। महर्षि मारकंडे यूनिवर्सिटी और उच्च शिक्षा निदेशालय के दस्तावेजों की जांच की गई। जांच में पाया गया कि छात्राओं द्वारा की गई शिकायत सही है और महर्षि मारकंडे यूनिवर्सिटी ने वास्तव में छात्राओं से ज्यादा वसूल की है। दोनो छात्राओं से कुल मिलाकर 15 लाख रुपए ज्यादा वसूल की गए है। ऐसे में निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने सेक्शन 9 के तहत एमएमयू पर 45 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है।

निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के चैयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक ने बताया कि वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 के बैच में एमएमयू से कुल 1200 डॉक्टर पास आउट हुए है। इन डॉक्टरों से भी यूनिवर्सिटी ने 5 साल की वसूल की है। ऐसे में यूनिवर्सिटी को आदेश दिए गए है कि छात्रों से वसूल की गई अतिरिक्त फीस को वापिस लौटाया जाए। उन्होंने बताया कि 1200 एमबीबीएस डॉक्टर से एमएमयू ने 103 करोड़, 96 लाख, 53 हजार रुपए ज्यादा फीस वसूल की है। ऐसे में अब यह फीस यूनिवर्सिटी को वापिस लौटानी होगी।

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share