102 और 108 एंबुलेंस निकाले कर्मचारियों को दोबारा मिलेगी नौकरी



102 और 108 एंबुलेंस सेवाओं की कंपनी बदलने के बाद निकाले गए कर्मचारियो ंको दोबारा नौकरी मिलेगी। इन कर्मचारियों की नौकरी को लेकर शुक्रवार को एनएचएम कार्यालय के बाहर जहां कर्मचारियों का प्रदर्शन चलता रहा, तो वहीं अंदर एनएचएम अधिकारियों, कंपनी के प्रतिनिधियों और निकाले गए कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ दिनभर बैठक चलती रही। शाम करीब 7 बजे इन कर्मचारियों की मांगों पर दोनो पक्षों के बीच में सहमति बनी है।


बताया जा रहा है कि कंपनी ने लिखित में आश्वासन दिया है कि वह 2 महीनें के अंदर कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखेगी। 2 महीने का समय कंपनी ने इस लिए मांगा है, क्योकि जीवीके कंपनी से जब मेडसवान कंपनी ने काम टेकओवर किया, तो कंपनी की कई एंबुलेंस नकारा हो चुकी थी। ऐसे में नई कंपनी को इन एंबुलेंस की खरीद में करीब 2 महीने का समय लगना हैं। 2 महीने बाद कंपनी पुराने कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखेगी। वहीं 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा से नौकरी से निकाले गए मजदूरों ने अपनी बहाली व अन्य मांगों को लेकर नेशनल हेल्थ मिशन एमडी कार्यालय कसुम्पटी शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।

आठ घंटे से धरना जारी है और कार्यालय में एनएचएम,मैड स्वान फाउंडेशन कम्पनी व यूनियन पदाधिकारियों के मध्य वार्ता चल रही है। धरने में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा,सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,महासचिव प्रेम गौतम,जगत राम,रविन्द्र कुमार,सुदेश कुमारी,अजय दुलटा,कुलदीप डोगरा,संजय चौहान,कुलदीप तनवर,सत्यवान पुंडीर,जगमोहन ठाकुर,फालमा चौहान,राजेन्द्र ठाकुर,नरेंद्र कुमार,रमन थारटा, अनिल ठाकुर,आशीष पंवर,बालक राम,विनोद बिरसांटा, किशोरी ढट वालिया,दलीप सिंह,सुरेंद्र बिट्टू,बलबीर पराशर,यूनियन संयोजक मनोहर लाल,सह संयोजक प्रवीण कुमार,विजय शर्मा,दीपक कुमार,राजेश चंदेल,मुनीश कुमार,रजनीश कुमार,भूपेंद्र सिंह,धीरज धीमान,अजय कुमार,संजय कुमार,धर्मवीर,संजीव खजूरिया,रंजीव कुठियाला व विवेक कश्यप आदि मौजूद रहे।


राकेश सिंघा,विजेंद्र मेहरा व प्रेम गौतम ने कहा है कि अगर मजदूरों को बहाल न किया गया तो सीटू पूरे प्रदेश के मजदूरों को लामबंद करके इन मजदूरों की बहाली की लड़ाई को तेज करेगा। इस आंदोलन के तहत जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर मजदूरों की लामबंदी होगी। इस क्रम में जेल भरो,गिरफ्तारी,चक्का जाम,धरने,प्रदर्शन व रैलियां आदि शामिल है। उन्होंने प्रदेश सरकार,एनएचएम व मैड स्वान फाउंडेशन कम्पनी प्रबंधन को चेताया है कि वे मजदूरों की सेवाओं को यथावत जारी रखे अन्यथा उनके खिलाफ प्रदेशव्यापी मोर्चाबंदी होगी। उन्होंने एनएचएम प्रबंधन पर मैड स्वान फाउंडेशन कम्पनी से मिलीभगत का आरोप लगाया।

नौकरी पर रखे गए कर्मचारी भी परेशान
नई कंपनी द्वारा काम टेकओवर करने के बाद आधे से ज्यादा पुराने कर्मचारियों को नौकरी पर रख लिया गया था, लेकिन यह कर्मचारी भी कंपनी की नीति से परेशान है। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी ने कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारित नहीं किया गया है। इसके अलावा आपदा के दौरान अगर एंबुलेंस सेवाएं बाधित रहती हैं, तो भी कर्मचारियों की एबसेंट लगाई जाती है। इसके बदले में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलता है। हाल ही में हुई भारी बर्फबारी के दौरान कर्मचारियों को यह दिक्कतें पेश आई है।

मेडसवान कंपनी और कर्मचारियों की बीच बैठक करवाई गई है। इस दौरान दोनो पक्षों के बीच में सहमति बन गई है। ऐसे में पुराने कर्मचारियों को नौकरी पर रखा जाएगा।
-हेमराज बैरवा, निदेशक राष्ट्रीय स्वाथय मिशन, हिमाचल प्रदेश

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