हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने कृषि अनुकूल जलवायु से नवाजा है। जिसको मद्देनज़र प्रदेश सरकार ने राज्य के बागवानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। फल उत्पादकों को प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर अपने उत्पाद को घर के समीप बेचने और उन्हें बिचौलियों के चंगुल से बचाने के लिए बेहतर विपणन सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रदेश के विभिन्न भागों में मार्केट यार्ड और खरीद केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
प्रदेश के सेब उत्पादकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने के लिए कानूनी अध्ययन भी करवा रही है। साथ ही प्रदेश के विभिन्न भागों में नियंत्रित वातावरण (सीए) स्टोर खोलने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि बागवानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके।
सरकार सक्रिय रूप से सेब आधारित डिस्टिलरी स्थापित करने पर विचार कर रही है। जिसके बागवानों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान होगा और वह छोटे आकार और निम्न गुणवत्ता के सेब वाइनरी उत्पादों को बेच सकते हैं। सरकार ने बैंकों को किसानों-बागवानों के कल्याण के लिए उन्हें उदारतापूर्ण ऋण प्रदान करने के निर्देश दिए है।