असाध्य रोगों से असहाय मरीजों का सहारा बन रही सहारा योजना, प्रतिमाह मिल रहे 3000 रुपए

असाध्य रोग आज भी बहुत ही गंभीर बिमारी बाने हुए हैं। इन रोगों से ग्रस्त मरीज़ शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है, रोगी की आँखों की रोशनी भी चली जाती है। वह व्यक्ति पूरी तरह से अपने परिवार पर बोझ बन कर रह जाता है। उसपर इलाज के लिए अस्पताल का खर्च परिवार की आर्थिक स्थिति को भी ख़राब कर देता है।

इसके लिए प्रदेश सरकार की सहारा योजना लोगों को काफी राहत दे रही है। सरकार ने यह योजना वर्ष 2019 में शुरू की थी। जिसका मकसद असाध्य रोग, अधरंग, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, पार्किन्सन, कैंसर, हैमोफिलिया, थेलेसेमिया, किडनी की बीमारी और गंभीर दुर्घटनाओं के कारण अक्षम हो चुके लोगों को राहत देना था।

इस योजना के तहत मरीजों को इलाज के लिए हर महीने 3000 रुपए देने का प्रावधान किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना से अभी तक लगभग 80 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है। हाल ही मे इस योजना का लाभ 37 वर्षीय सन्नी और 31 वर्षीय अंकुर सोनी को मिला जो की जिला हमीरपुर के मझोट गांव के निवासी है।

यह दोनों युवा बचपन से ही बीमारी के कारण बिस्तर पर लेटने को मजबूर हैं। इनके परिजनों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ‘सहारा’ योजना बहुत बड़ा सहारा साबित हो रही है। इस योजना के तहत इन दोनों को प्रतिमाह 3000 रुपए की राशि मिल रही है। जिसकी मदद से उनके परिवार अब बेहतर ढंग से देखभाल कर पा रहा है। आपको बता दें कि अंकुर और सन्नी की तरह ही प्रदेश में 20 हजार से अधिक असहाय मरीजों को सहारा योजना का लाभ मिल रहा है।

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