आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी बनाने को लेकर सरकार आज कर्मचारियों के सुझाव लेगी। सोमवार को जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की अध्यक्षता में केबिनेट सब कमेटी की बैठक होगी। बैठक में सुझाव देने के लिए सरकार की ओर से भी कर्मचारी संगठनों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों अलावा सभी जिलों के अध्यक्ष भी शमिल होंगे। इसके अलावा अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल होंगे। इनमें बी वॉक कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष, एनएचएम कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी बैठक में आएंगे।
बैठक दौरान कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी सरकार को यह सुझाव देने वाले है कि आउटसोर्स पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए। ताकि कर्मचारियों को कंपनियों व ठेकेदारों के शोषण से राहत मिल सके। कंपनियों व ठेकेदारों के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों को विभागों, निगमों व बोडो में समायोजित किया जाए। आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सभी डिपार्टमेंट, बोर्डों, निगमों में कार्य कर रहे हज़ारों आउटसोर्स कर्मचारी सालों से चल रही इस शोषणकारी नीति का शिकार हो रहे हैं।
इस प्रकार की नीति से बेशक किसी भी सरकार का वित्तीय बोझ कम होता है किंतु वहीं न सिर्फ ये बोझ सीधा प्रदेश के हज़ारों युवाओं तथा उनके परिवारों पर पड़ता है और नौकरी की सुरक्षा न होने क े कारण उनके भविष्य क े साथ खिलवाड़ का कारण भी बनता है। हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ समय-समय पर हजारों आउटसोर्स कर्मियो की मांग तथा सुझावों को सरकार के समक्ष तथा सरकार द्वारा गठित मंत्रिमंडल की उप समिति के समक्ष रखता आया है। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति निर्धारण के तहत केबिनेट सब कमेटी का गठन हुआ है।
इसके चलते हिमाचल प्रदेश विधान सभा में चल रहे सत्र में उप समिति के अध्यक्ष जलशक्ति महेंद्र सिंह ठाकुर ने स्वीकार किया है कि प्रदेश सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति लाने जा रही है। इसमें आउटसोर्स कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। उनका कहना है कि सरकार द्वारा गठित मंत्रिमंडल उप समिति एक तय समय सीमा के तहत बनाई जा रही नीति को लाए तथा सरकार द्वारा इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए।
सरकार द्वारा लायी जाने वाली नीति में आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा लगाए गए वर्षों को नीति के तहत सम्मिलित किया जाए ताकि वर्षों से दी जा रही उनकी सेवा को सम्मान मिल सके। आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने सरकार से मांग उठाई है कि केबिनेट सब कमेटी कर्मचारियों के सुझाव लेकर जल्द से जल्द ऑउटसोर्स पॉलिसी तैयार कर जारी करे। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस के मौके पर आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी तैयार कर जारी की जाए। महासंघ अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि 28 मार्च को होने वाली बैठक में महांसघ के पांच राज्य स्तरीय पदाधिकारी, सभी जिलों के जिला अध्यक्ष व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि बैठक में भाग लेंगे।
पॉलिसी में कोविड स्टाफ भी जोड़े
संघ के प्रदेशाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि बैठक में सरकार को यह सुझाव भी दिया जाएगा कि कोविड के लिए तैनात किये गए स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा प्रदेश हित में उनके द्वारा दी गयी सेवाओं को देखतेे हुए विभाग में उनकी नौकरी की रक्षा की जाए तथा नीति में शामिल किया जाए। इसके अलावा केबिनेट सब कमेटी के गठन से पहले विभिन्न विभागों, बोर्डो व निगमों से निकाले गए हर आउटसोर्स कर्मी को वापिस लिया जाए, ताकि वर्षों से कार्य कर रहे वो सभी कर्मी,सरकार द्वारा किये ग। इस अभूतपूर्व प्रयास तथा बनाई जा रही नीति से वंचित ना रहें।
32 हजार कर्मचारी चिन्हित
केबिनेट सब कमेटी के गठन के बाद सभी विभागों से आउटसोर्स कर्मचारियों का डाटा मांगा गया था, कि प्रदेश में कितने कर्मचारी आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं। सरकार ने अभी तक प्रदेशभर में करीब 32 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को चिन्हित कर दिया है। कर्मचारियों को चिन्हित करने के बाद अब कर्मचारियों से पॉलिसी पर सुझाव लिए जाएंगे। कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही उनके लिए एक सरकार पॉलिसी को जारी कर देगी।