एचआरटीसी जेसीसी सचिव खेमेंद्र गुप्ता का तबादले से गरमाया माहौल

एचआरटीसी की संयुक्त समन्वय समिति के महासचिव खेमेंद्र गुप्ता का शिमला लोकल यूनिट से चंबा यूनिट के लिए तबादला कर दिया गया है। इस बारे में एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से आदेश जारी कर दिए गए है। खेमेंद्र गुप्ता का तबादला होने के बाद माहौल काफी गर्म हो गया है। उनका आरोप है कि कर्मचारियों के आवाज उठाने के बदले में सरकार ने सजा के तौर पर उनका तबादला किया है।


खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि सरकार चाहे जहां मर्जी ट्रांसफर कर दे हैं, लेकिन वह कर्मचारियों के हित्त में आवाज उठाते रहेंगे। उनका कहना है कि सरकार की ओर से तबादले के लिए निर्धारित किए गए मापदंड के अनुसार उनका तबादला नहीं किया गया हैं, बल्कि इसलिए उनका तबादला किया गया है कि क्योंकि वह कर्मचारियों की आवाज उठा रहे है। हाल ही में हुई बीओडी की बैठक के बाद उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया था कि एचआरटीसी निदेशक मंडल मंडल की बैठक से निगम कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है।

कर्मचारी बहुत लंबे समय से अपने देय वित्तीय भुगतानों की अदायगी की आस लगाए बैठे थे, लेकिन इससे संबंधित एक मामला बैठक में नहीं उठाया गया। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। क्या यह बैठक केवल लोन लेकर मात्र नई बसें खरीदने के लिए बुलाई गई थी। निगम में पहले ही बसों का भारी भरकम बेड़ा उपलब्ध है। जिनमें से सैंकड़ो बसें अभी भी बिना प्रयोग के वर्षो से खड़ी है। पहले इन खड़ी बसों को संपूर्ण उपयोग में लाने की योजना पर कार्य किया जाना चाहिए था।

कर्मचारियों के वित्तीय लाभों में अभी भी चालकों-परिचालकों के &6 महीनों के नाइट ओवरटाइम की अदायगी, वर्ष 2018 से लंबित कर्मचारियों के डी ए का एरियर, अनुबंध पर कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को नियमित करना, चालकों को 9880 का वेतनमान बहाल करना, पेंशन के लिए प्रदेश सरकार के बजट में प्रावधान करना तथा विभिन्न श्रेणियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर पंजाब पद्धति के अनुसार छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ एचआरटीसी के कर्मचारियों को शीघ्र देना इत्यादि अनेक मांगे लम्बित पड़ी है। खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि एचआरटीसी कर्मचारियों की लंबित मांगे बीओडी में पूरी न होने पर अब कर्मचारी से संघर्ष को तेज करेंगे। उनका कहना है कि अप्रैल माह के दूसरे हफ्ते कर्मचारियों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कर्मचारियों की ओर से आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।

संयुक्त कर्मचारी महासंघ के वित्त सचिव भी है गुप्ता

जेसीसी के महासचिव कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करवाने के लिए प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में बने संयुक्त कर्मचारी महासंघ के वित्त सचिव भी है। इससे पहले सरकार ने महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का तबादला भी चंबा के लिए किया था। प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान आरोप लगाया है कि शिमला से चंबा स्थानांतरण करना सरकार के तानाशाही रवैया को दर्शाता है और यह सरकार कर्मचारियों की आवाज सुनने के बजाय दमनकारी नीतियां अपनाकर कर्मचारियों को प्रताडि़त करने का प्रयास कर रही है जिसका खामियाजा सरकार को अवश्य भुगतना पड़ेगा

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share