किसान हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार बागवानों को नहीं दिला पाई मुआवजा

ओलावृष्टि व बर्फबारी से हिमाचल के प्रदेश के सैंकड़ो बागवानों को इस वर्ष भारी नुकसान उठाना पड़ा हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक बागवानों को हुए नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया है। हालांकि बागवानी विभाग की ओर से बागवानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी गई थी, वहीं प्रदेश सरकार की ओर से बागवानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर मुआवजे की राशि जारी करने के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई है, लेकिन अभी तक बागवानों को मुआवजे की राशि जारी नहीं की गई है।


बागवानी विभाग द्वारा किए गए आंकलन के मुताबिक बागवानों को 341 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन किया गया है। इस नुकसान में सेब बागवानों को ही 324 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन है, जबिक बाकी फसलों को 17 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन है। गौरतलब है कि जनवरी माह में हुई बर्फबारी के कारण सेब बागवानों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। कई बागवानों के सेब के पौधे टूट गए थे, तो कई जगहों पर सेब के पौधें जड़ों से ही उखड़ गए थे।

बर्फबारी से हुए नुकसान के बाद रही सही कसर ओलावृष्टि ने पूरी की। ओलावृष्टि के कारण शिमला, कुल्लू और मंडी जिला में कई बागवानों की फसलों का नुकसान हुआ। मार्च और अप्रैल माह में सेब के बागीचों में फूल खिलने की प्रक्रिया चल रही थी। कई जगह पर सेब की सेटिंग की भी हो चुकी थी। बागवानों को सेब की अच्छी फसल की उम्मीद थी कि बागवानों की उम्मीदो पर मौसम ने पानी फेर दिया। ओलावृष्टि के कारण बागीचों मे खिले फूल झड़ गए और सेब के पौधों को भी भारी नुकसान हुआ था। ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बाद बागवानों की सरकार से मुआवजा मिलने की ही उम्मीद बाकी बची हैं, लेकिन मुआवजे के इंतजार में बागवानों ने 10 महीने का इंतजार पूरा कर लिया हैं, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से बागवानों को मुआवजा नहीं मिल पाया है। ऐसे में बागवानों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने शुरू कर दिए है।

केंद्र की टीम कर चुकी है दौरा

ओलावृष्टि और बर्फबारी से बागवानों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार की टीम हिमाचल के अलग अलग जिलों में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए अक्टूबर और नवंबर माह के दौरान आई थी। केंद्र से आई टीम ने अपर शिमला के रोहड़ू नेरवा, चौपाल, रामपुर, ननखड़ी और नारकंडा समेत कई क्षेत्रों का दौरा किया था। इस टीम के निरीक्षण के बाद बागवानों को मुआवजा मिलने की आंस बंधी थी, लेकिन बागवानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला पाया है।
बॉक्स:
कहां कितना नुकसान
जिला नुकसान
कांगड़ा 1,66,70,000
किन्नौर 13,74,41,100
बिलासपुर 23,19,000
शिमला 2,82,23,20,700
हमीरपुर 40,23,690
ऊना 2,70,11,000
सिरमौर 3,93,76,000
सोलन 3,45,39,000
मंडी 1,14,60,000
लाहौल स्पीति 4,00,000
चंबा 6,22,43,000
कुल्लू 26,00,91,000
कुल 3,41,78,94,490

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