कोरोना से एचआरटीसी की कमाई पर फिर लगा ग्रहण, सैंकड़ो रूट हुए मर्ज, रोजाना 70 लाख का नुकसान



कोरोना वायरस के कारण एचआरटीसी की कमाई फिर से प्रभावित होने लगी है । प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण एचआरटीसी को प्रदेश सहित बाहरी राज्यों को जाने वाली बसों के कई रूट मर्ज करने पड़े है। रूट मर्ज करने के कारण एचआरटीसी की कमाई घटने लगी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर मे भी एचआरटीसी की मुश्किले बढऩी शुरू हो गई है। एचआरटीसी के अधिकारियों कहना है कि प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण एचआरटीसी के रूट मर्ज 500 से ज्यादा रूट मर्ज किए गए है।

इसके कारण एचआरटीसी की दैनिक आय कम हो गई है। इससे पहले जहां एचआरटीसी को दिन में 1 करोड़ 60 लाख रुपए से एक करोड़ 70 लाख रुपए तक दैनिक आय हो रही थी, तो वहीं अब यह इनकम घटकर करीब एक करोड़ रुपए तक ही रह गई है। पहली लहर से अब तक एचआरटीसी को कोरोना काल में सबसे ज्यादा घाटा हुआ है। पूरे कोरोना काल में एचआरटीसी को 840 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। इस घाटे के बीच कर्मचारियों व पैंशनरों को वेतन देने के लिए सरकार की ओर से एचआरटीसी को 940 करोड़ रुपए का अनुदान भी मिला है। ऐसे में फिर से घाटा बढ़ता है तो ऐसे में कर्मचारियों के वेतन व पैंशनरों पर संकट आ सकता है।


बाहरी राज्यों के लिए पहले 13 रूट मर्ज किए गए थे। अब 30 रूटों पर बसें नहीं भेजी गई हैं। बाहरी राज्यों दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा और उत्तराखंड से हिमाचल आने वाली बसों में भी नाममात्र सवारियां हैं। इधर, परिवहन निगम ने बसों में सफर करने वाले यात्रियों को नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बिना मास्क कोई भी व्यक्ति सफर नहीं कर सकेगा। सर्दी-खांसी और जुकाम वाले यात्रियों को बस में बैठने नहीं दिया जाएगा। परिचालकों को अपनी सुरक्षा को देखते हुए टिकट काटने को कहा गया है। एचआरटीसी की बसों में ओवर लोडिंग नहीं होगी। परिवहन निगम प्रबंधन को बसें चलाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। निगम के 35 परिचालक कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। इसके चलते निगम प्रबंधन ने सवारियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

हिमाचल प्रदेश के अंदर चलने वाली बसों के अलावा प्रदेश से बाहर जानी वाली बसों से एचआरटीसी को ज्यादा इनकम होती है। बाहरी राज्यों में नाइट कफ््र्यू व वीकेंड कफर्यू के साथ साथ तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के कारण एचआरटीसी की बसों को सवारियां कम मिल रही है। ऐसे में बाहरी राज्यों को जाने वाली बसों के कई रूट मर्ज किए गए है। बाहरी राज्यों को जाने वाली बसों के रूट मर्ज होने के कारण एचआरटीसी को ज्यादा काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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