ग्राम सभाओं के आयेाजन पर लगी रोक हटाना भूूली सरकार, कोविड के कारण लगी सभी बंदिशे हटी, लेकिन ग्राम सभाएं अभी भी बंद

कोविड संक्रमण के कारण प्रदेश में लगाई गई सभी प्रकार की बंदिशों को सरकार ने हटा दिया हैं, लेकिन प्रदेश की पंचायतों में ग्राम सभाओं के आयोजनों पर लगाई गई रोक हटाना सरकार भूल गई है। सरकार ने अभी तक पंचायतों में ग्राम सभाओं के आयोजनों पर लगी रोक को नहीं हटाया है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है।


बताया जा रहा है कि अब चायती राज विभाग ने ग्राम सभाओं के आयोजनों पर लगी रोक हटाने के लिए प्रपोजल तैयार कर सरकार को भेज दिया गया है। अब ग्राम सभाओं पर लगी रोक हटाने के लिए सरकार की अनुमति का इंतजार है। उम्मीद जताई जा रही है कि 14 फरवरी को होने वाली केबिनेट की बैठक में सरकार ग्राम सभाओं के आयोजनों पर लगी रोक हटाने की घोषणा कर सकती है।


गौरतलब है कि कोविड की तीसरी लहर में तेजी से बढ़ रहे कोविड संक्रमण को देखते हुए प्रदेश की पंचायतों में ग्राम सभाओं के आयोजनों पर रोक लगा दी गई थी। इस संबंध में पंचायती राज विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना में कहा गया था कि आगामी आदेशों तक पंचायतों में गामसभाओं के आयोजनों पर रोक रहेगी। हिमाचल प्रदश्ेा में कोविड संक्रमण अब काफी हद तक कम हो गया है।

कोविड संक्रमण कम होने के बाद सरकार ने प्रदेश में लागू कोरोना बंदिशों को भी समाप्त कर दिया है, लेकिन गाम सभाओं के आयोजनों पर लगी रोक अभी तक नहीं हटी है। सरकार ने प्रदेश में लगाए गए नाइट कफ्र्यू, शादियों एवं समारोह के आयोजनों के लिए अधिकतम 500 व्यक्ति के शामिल होने की शर्त है। जिम व कोचिंग संस्थानों को कोविड प्रोटोकॉल के साथ खोल दिया गया हैं। इसके अलावा कोविड संक्रमण के कारण बंद किए गए स्कूलों को भी खोल दिया गया है।

ऐसे में अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इंतजार है कि सरकार कोविड के कारण ग्राम सभाओं के आयोजनों पर लगाई रोक को हटा दे, ताकि ग्राम सभाओं के न होने के कारण पंचायतों में लटके हुए कामों को पूर्ण किया जा सके। बताया जा रहा है कि ग्राम सभाओं के आयोजनों पर रोक के कारण पंचायतों में बीपीएल कार्ड बनाने की प्रक्रिया, मनरेगा का शेल्फ पास करने प्रक्रिया, इंदिरा आवास व राजीव गांधी आवास योजना के तहत पक्के मकानों के लिए पात्र लोगों का चयन, अन्य विकास कार्य के शैल्फ, आय और व्यय का अनुमोदन, परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज करवाना व कटवाना जैसे काम नहीं हो पा रहे हैं।

ऐसे में पंचायतों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जब प्रदेश में कोविड से संबंधित सभी प्रकार की बंदिशों को हटा दिया गया है, तो फिर ग्राम सभाओं के आयोजनों पर लगी रोक को भी हटाया जाए। Î हिमालच प्रदेश में बनी 389 पंचायतों में अभी तक सरकार की ओर से स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। पंचायती राज विभाग के अधिकारियों कहना है कि अभी तक इन पंचायतों के लिए सरकार की ओर से पद सृजित नहीं किए गए है।

हालांकि विभाग ने वित्त विभाग को प्रपोजल भेजा हैं, लेकिन वित्त विभाग की ओर से अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में करीब एक साल का समय होने के बाद भी नई पंचायतों में स्टाफ नहीं है। डेपुटेशन पर पंचायतों में काम चल रहा है। लोगों को हर छोटे बढ़े काम के लिए कई कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है। इसके कारण लोगों का काम आसान होने की बजाए उलटा मुश्किल हो गया है।

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