जेओए आईटी केस में अब सुर्पीम कोर्ट जाने की तैयारी

हाईकोर्ट से फैसला होने के बाद जेओए आईटी का केस भी सुप्रीम कोर्ट जा रहा है। दरअसल इसमें पोस्ट कोड 556 की मेरिट रिवाइज होने के कारण कुछ लोगों की नौकरी पर खतरा है और इनमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जो बाकी विभागों की नौकरी छोड़ कर इस पोस्ट कोड में आए थे।


इन्होंने कॉन्ट्रैक्ट पर 2 साल से ज्यादा की सर्विस भी कर ली है। अभी यदि मेरिट रिवाइज हुई तो यह बाहर हो जाएंगे, क्योंकि पोस्ट कोड 817 में इनके पद समायोजित नहीं किए जा रहे हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि अब ये सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। वहीं अब अगर सरकार पोस्ट कोड 817 में शामिल किए गए पोस्ट कोड 556 के पदों को हटा देती हैं, तो फिर पोस्ट कोड 817 के पद कम हो सकते है।

पोस्ट कोड 556 के लिए सरकार ने वर्ष 2017 में कुल 1156 पद विज्ञापित किए थे। इनमें से सरकार सिर्फ 596 पद ही भर पाई थी। बाकी के पद खाली रह गए थे। बाकी बच गए 560 पदों को सरकार ने पोस्ट कोड 817 में शामिल कर दिया था। जेओए आईटी पोस्ट कोड के लिए सरकार ने 1867 पद विज्ञापित किए गए थे। इन पदों में पोस्ट कोड 556 के बचे हुए 560 पदों को भी समाहित किया गया था।

ऐसे में अब कोर्ट के फैसले के बाद इन पदों को पोस्ट कोड 817 से अलग किया जा सकता है। ऐसे में अगर इन पोस्टों को अलग किया जाता हैं, तो फिर पोस्ट कोड 817 के विज्ञापित पदों 1867 में से पद कम हो सकते है। उधर पदों के कम होने की आशंका पर अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग उठानी शुरू कर दी है कि पोस्ट कोड 817 के विज्ञापित पदों में से एक भी पद हटाया नहीं जाना चाहिए।

अभ्यर्थियों की मांग हैं कि सरकार कोर्ट फैसले को मानते हुए भले ही पोस्ट कोड 556 के पदों को अलग कर दे, लेकिन पोस्ट कोड 817 में भी फिर नए पद जोड़े जाएं, ताकि प्रदेश के हजारों युवाओं को नौकरी मिल सके। अभ्यर्थियों का कहना है कि पोस्ट कोड 817 के लिए सरकार की ओर से लिखित परीक्षा करवाई जा चुकी हैं।

इस परीक्षा को कुल 19, हजार अभ्यर्थियों ने पास किया है। ऐसे में अगर सरकार अब जाकर इस भर्ती के लिए विज्ञापित किए गए पदों को को कम करती हैं, तो कहीं न कहीं प्रदेश के हजारों युवाओं को नौकरी से वंचित रहना पड़ सकता है। 500 से ज्यादा पदों के कम होने पर युवाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

पोस्ट कोड 817 के विज्ञापित पदों को कम न करने को लेकर अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग उठाना शुरू कर दिया है। इसको लेकर अभ्यर्थियों की ओर से सरकार को ज्ञापन भी सौंपे जा रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग उठाई जा रही हैं कि पोस्ट कोड 817 के पदों को बिल्कुल भी कम न किया जाए। पोस्ट कोड 556 के पद भले ही अलग कर दिए जाएं, लेकिन पोस्ट कोड 817 में नए पद भी जोड़े जाएं।

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share