टैक्सियों में लगाए गए जीपीएस सिस्टम हुए बंद, 18 हजार का चूना

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश में सभी टैक्सियों में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य किया गया था। हालांकि नई गाडिय़ों में जीपीएस की व्यवस्था ऑटोमेटिक रूप से की गइ हैं, लेकिन पुरानी गाडिय़ों में सरकार की ओर से अधिकृत 5 कंपनियों ने 15 हजार रुपए से 18 हजार रुपए में जीपीएस सिस्टम लगाया था, लेकिन व जीपीएस सिस्टम अब काम नहीं कर रहा हैं।

प्रदेश के ज्यादात्तर टैक्सी चालकों की यही शिकायत हैं। इसकों लेकर परिवहन विभाग के निदेशक व आरटीओ के माध्यम से टैक्सी व मैक्सी चालकों की ओर से मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया हैं। शिमला में आरटीओ को ज्ञापन सौंपते हुए एसोसिएशन प्रधान अजय ठाकूर व सचिव नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि 2019 में परिवर्तन विभाग द्वारा हिमाचल में रामस्त टैक्सियों में जीपीएस टैंकर डिवाइस लगाना अनिवार्य किया गया, जिसमें विभाग ने पांच कंपनियों को अधिकृत किया था जो एक डिवाइस 18 हजार का एक गाड़े में लगा रहे थे

इसके चलते टैक्सी चालकों ने इसका विरोध किया क्योंकि यही डिवाइस चंडीगढ़ में 2500 में पर लग रहे थे लेकिन परिवहन विभाग को गलती से यह डिवाइस हिमाचल में 14 हजार से 18 हजार तक बेचा गया और विरोध करने पर यह डिवाइस 12 हजार से 15 हजार में फिर भी बचा गया और किसी डिवाइस में एक साल का रिचार्ज था किया में 2 साल का और आज यह डिवाइस बन्द पड़े है।

उन्होंने बताया कि अब जब भी टैक्सी में लगे इन पनिक बटनों का दबाया जाता है तो न तो इसकी सूचना पुलिस तक पहुंचती है और न ही विभाग तक और न ही टैक्सी चालक को कोई फोन आता है। इससे साबित होता है कि ट्रैकिंग डिवाइस के नाम पर और चालक सवारी की सेफ्टी के साथ 15 से 18 हजार लेकर एक बड़ा धोखा किया गया जिसका जिम्मेदार विभाग है। विभाग दो साल बाद फोन कर पूछ रहा डिवाइस चल रहे हैं या नहीं

एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि मौजूदा समय में हमारे टैक्सी चालकों को परिवहन विभाग ऑफिस शिमला से फोन आ रहे हैं कि आपका डिवाइस काम नहीं कर रहा और आपको रिचार्ज करवाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि क्या विभाग को फोन करने का होश 2 या 3 साल बाद ध्यान आया कि डिवाइस काम नही कर रहा है। अब जब हमारे चालकों ने डिवाइस रिचार्ज करने डिवाइस लगाने वाले वंडर या दुकानदार से रिचार्ज के बारे में पता कर रहे हैं तो वेंडर यह कल रेल ले कि कम्पनिया भाग गई हैं इससे कुछ नही कर सकता और अगर कोई फोन नया सम्पर्क होता है तो इसका रिचार्ज 2 हजार से 4 हजार एक साल के लिए बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टैक्सी वालों को लूटन का एक बड़ा पयंत्र रचा जा रहा है

देवभूमी आल हिमाचल टैक्सी क्स ऑपरेटर एसोसिएशन ने सरकार से मांग कि है कि पुराने लगे डिवाइस को सुचारू रूप से चलवाया जाए व इसके रिचार्ज की कीमतों को घटा कर सामान्य किया जाए ताकि हर चालक आसानी से रिचार्ज करवा सके। एससिएशन ने उम्मीद जताई कि सरकार व विभाग इस पर जल्द से जल्द संज्ञान लेकर प्रदेश के समस्त रक्सी चालकों को राहत प्रदान करेंगे।

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