डॉक्टरों की हड़ताल जारी, बोले, पंजाब की तर्ज पर चाहिए सीलिंग लीमिट, 17 फरवरी तक 2 घंटे की हड़ताल, फिर पूरे दिन की हड़ताल की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। सोमवार को लगातार चौथे दिन भी डॉक्टर हड़ताल पर रहे। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक डॉक्टर ओपीडी में नहीं आए। डॉक्टरों के अस्पताल में आने से लोगों की परेशानियां बरकार रहा है। सोमवार को मरीज़ो का रश ज्यादा होने के कारण अस्पतालों में लंबी लंबी कतारे लगी रही

दरअसल डॉक्टर पे स्केल पर सीलिंग लिमिट घटाने से नाराज है और डॉक्टर इस मांग पर अड़े हुए हैं कि पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी डॉक्टरों के लिए सीलिंग लिमिट 237600 होनी चाहिए, जबकि हिमाचल सरकार ने इस लिमिट को घटाकर 218600 साल कर दिया है। साथ ही डॉक्टरों की योगी मांग है कि अगर सरकार की ओर से उनकी मांगों पर कोई बैठक बुलाई जाती है तो उन में डॉक्टरों को भी शामिल किया जाए डॉक्टरों को बिना बुलाए और बताएं कोई भी निर्णय ना लिया जाए।

पंजाब की तर्ज पर पे स्केल पर सीलिंग लिमिट को लेकर बनी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष दीपक कैंथला महासचिव डॉ योगराज का कहना है कि सरकार से बार-बार पिछले एक महीने से आग्रह करने के बाद और निजी तौर पर मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपने के बाद भी सरकार चिकित्सकों के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. वेतन विसंगतियों के लिए जब सरकार ने प्रदेश के अन्य कर्मचारी संघों को बैठक के लिए बुलाया तब भी प्रदेश के सभी चिकित्सक संघों को दरकिनार किया गया.

सभी चिकित्सकों ने एकमत से फैसला लिया कि अगर इस दौरान भी सरकार उचित मांगों की तरफ ध्यान नहीं देती है तो इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा और संपूर्ण हड़ताल की जाएगी.उन्होंने कहा कि मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन नॉन प्रेक्टिव एलाउंस को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सरकार ने एनपीए जो पहले 25 फीसदी था, अब उसे घटाकर 20 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा मेडिकल ऑफिसर को 4-9-14 का लाभ नहीं मिल रहा है.

जब तक इसे बढ़ाया नहीं जाएगा तक तक स्ट्राइक जारी रहेगी.उन्होंने कहा जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तब तक उनकी स्ट्राइक जारी रहेगी। फिलहाल 7 दिनों तक पैन डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी उसके बाद संघ आगामी रणनीति बनाई जाएगी।

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