डॉक्टरों की हड़ताल पर आज होगा फैसला, सरकार ने डॉक्टटरों को वार्ता के लिए बुलाया

हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की मांगों पर शुक्रवार 04 बजे सरकार के साथ वार्ता होगी। सरकार ने 7 दिनों के हड़ताल के बाद डॉक्टरों को वार्ता के लिए बुलाया है। ऐसे में आज डॉक्टर की मांगों पर सरकार की ओर से मंथन किया जाएगा। वार्ता के दौरान अगर डॉक्टरों की मांगों पर सहमति बनती हैं, तो फिर डॉक्टरों की हड़ताल समाप हो जाएगी।
डॉक्टरों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने चेताया है कि अगर सरकार की ओर से उनकी मांगों को मान लिया जाता हैं तो फिर डॉक्टरों की ओर से हड़ताल समाप्त कर दी जाएगी और सरकार के फैसले का स्वागत किया जाएगा।

अगर सरकार डॉक्टरों की मांगे नहीं मानती हैं, तो फिर संर्पूण हड़ताल की जाएगी और 22 फरवरी को डॉक्टर मॉस कैजुअल लीव पर जाएंगे। वहीं अस्पतालों में डॉक्टरों की 2 घंटे की हड़ताल के कारण भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में मरीज़ो की लंबी-लंबी कतारे लग रही है। मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन जिला शिमला के अध्यक्ष डॉक्टर दीपक कैंथला ने बताया कि सरकार की तरफ से बातचीत के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की हड़ताल आज भी जारी है और कल भी जारी रहेगी। शुक्रवार को यदि बातचीत के दौरान अगर उनकी मांगें मान ली जाती है तो हड़ताल को तुरंत समाप्त कर दिया जाएगा, अन्यथा हड़ताल जारी रहेगी।

हिमाचल में चिकित्सकों की हड़ताल यह है। हिमाचल प्रदेश के डॉक्टरों की मुख्य मांग है कि सरकार ने चिकित्सकों का नॉन प्रैक्टिस भत्ता जो 25 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया है, उस कटौती को समाप्त किया जाए। इसके अलावा छठे वेतन आयोग में वेतन विसंगतियों को दूर कर वेतन को पंजाब के आधार पर तय करना, पंजाब के वेतनमान के आधार पर 2.37 लाख रुपये पर ही तय करना, प्रमोशन में 4-9-14 को लागू करना, पीजी व अन्य डॉक्टरों को विशेषज्ञ भत्ता देना और इसके साथ कॉन्ट्रैक्ट आधार पर भर्ती डॉक्टरों के 40 फीसदी कटौती को समाप्त कर पूर्ण 57100 रुपये के वेतनमान के आधार पर वेतन देना है।

डॉक्टर पे स्केल पर सीलिंग लिमिट घटाने से नाराज है। डॉक्टर इस मांग पर अड़े हुए हैं कि पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी डॉक्टरों के लिए सीलिंग लिमिट 2,37,600 होनी चाहिए, जबकि हिमाचल सरकार ने इस लिमिट को घटाकर 2,18,600 साल कर दिया है। पंजाब की तर्ज पर पे स्केल पर सीलिंग लिमिट को लेकर बनी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष दीपक कैंथला महासचिव डॉ योगराज का कहना है कि सरकार से बार-बार पिछले एक महीने से आग्रह करने के बाद और निजी तौर पर मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपने के बाद भी सरकार चिकित्सकों के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। ऐसे में अब डॉक्टरों को शुक्रवार की वार्ता से उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी।

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