तीसरी लहर में 11 हजार मरीज़ो को ऑनलाइन मिली संजीवनी, ई संजीवनी ऐप पर डॉक्टरों ने मरीज़ो को दिया ऑनलाइन परामर्श


कोविड काल में ई संजीवनी ओपीडी ऐप प्रदेश भर के मरीज़ो के लिए संजीवनी बना है। मरीज़ो को अस्पतालों की कतारों से छुटकारा मिल रहा है। घर बैठे लोगों को डॉक्टरी परामर्श मिल रहा है। कोविड पहली और दूसरी जहां लाखों लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया था, तो वहीं तीसरी लहर में भी 11 हजार के करीब मरीज़ो ने ऑनलाइन माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श मिलया है।


राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार प्रदेश के 10,969 लोगों ने इस वर्ष एक जनवरी से लेकर अब तक ई संजीवनी पर कंस्टलेटशन प्राप्त की है। आईजीएमसी के विशेषज्ञ ने 994, टांडा के विशेषज्ञ ने 284, नेरचौक के विशेषज्ञ ने 490 मरीज़ो को परामर्श दिया है। वहीं प्रदेश की पीएचसी व एचएससी के डॉक्टरों ने 5484 लोगों को कंस्टलेशन है। इसके अलावा प्रदेश भर में काम अस्पतालों में काम कर रहे मेडिकल अफसरों ने 3717 लोगों को ऑनलाइन परामर्श दिया है।

इस कार्यक्रम के तहत आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज और नेरचौक मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ लोगों को स्वास्थय परामर्श दे रहे है। अब इस कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक स्वास्थय केंद्र और सब सेंटर के लिए चिकित्सक भी लोगों को परामर्श दे रहे है। इसके लिए बाकायदा मुख्य स्वास्थय अधिकारी और स्वाथय अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। स्वास्थय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्यक्रम आयुष्मान भारत के तहत चलाया जा रहा है।

इसी कार्यक्रम के तहत 12 अन्य सेवाएं भी दी जा रही है। इनमें माृत स्वास्थय, बाल स्वास्थय, एल्डर हेल्थ, डायबटीज और हायपरटेंशन जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही है। यह दवाएं हेल्थ वेलनेस केंद्रो से दी जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत मेडिसन, गायनोकोलॉजी, साइकेट्री, पीडीएट्रिक्टस, डर्मोटोलोजी, कार्डिओ और आर्थो विभाग से संबंधित रोगों के बारे में मरीज़ो को जानकारी दी जा रही है। प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2020 में इस सुविधा का शुभारंभ किया था। ऐसे में अब तक कुल

मोबाइल फोन पर डॉक्टर दे रहे सलाह
स्वास्थ्य विभाग ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसमें मरीज को घर बैठे मोबाइल फोन पर ही सलाह मिल जाएगी। ई-संजीवनी ओपीडी को मोबाइल फोन पर शुरू किया जा रहा है। टोकन नंबर मिलने के बाद रोगी अपना नंबर आने पर चिकित्सक से बात कर सलाह ले रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों के दिन भी निर्धारित रहेंगे। आयुष्मान भारत में प्रदेश के पांच लाख परिवारों का बीमा हुआ है जो लोग छूट गए उनके लिए प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना शुरु की है। दोनों ही योजनाओं में कोरोना का इलाज भी शामिल है।
बॉक्स:
किस जिले में कितनो को मिला फायदा
जिला एमओ पीएचसी एचएससी

बिलासपुर 280 13 416
चंबा 11 08 14
हमीरपुर 00 04 00
कांगड़ा 1664 02 1703
किन्नौर 07 00 19
कुल्लू 85 00 34
लाहौल स्पीति 00 00 00
मंडी 352 00 493
शिमला 414 368 648
सिरमौर 00 39 00
सोलन 882 362 1226
ऊना 22 11 26

आईजीएमसी के विशेषज्ञ ने 994,
टांडा के विशेषज्ञ ने 284
नेरचौक के विशेषज्ञ ने 490


ई संजीवनी सुविधा से प्रदेश भर के मरीज लाभ उठा रहे है। कोविड की तीसरी लहर में प्रदेश के 11 हजार लोगों ने ऑनलाइन कंसल्टेशन का लाभ उठाया है। इस सुविधा के तहत मरीज़ो को मुफ्त दवाईयां भी दी जा रही है। कोविड काल में यह सुविधा शुरू की गई थी और अभी भी जारी है। इससे लोगों को घर बैठे डॉक्टरों की कंसल्टेशन मिल रही है।
-डॉ. गोपाल बेरी, उप-प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन

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