780 मेगावाट जंगी थोपन पोवारी जलविद्युत परियोजना का विरोध कर रही पंचायतों से सरकार बात करेगी। इन पंचायतों से बात कर इनके समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी के सवाल पर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान यह बात कही है। उर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि विरोध कर रही पंचायतों की बात सुनी जाएगी, लेकिन इस प्रोजेक्ट को रद्द करने का सरकार का कोई विचार नहीं है।
उर्जा मंत्री ने कहा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का विरोध करना अब ट्रैंड हो चुका है। बात सिर्फ किन्नौर जिला की नहीं रह गई है। प्रदेश में अगर कहीं भी कोई प्रोजेक्ट लगता हैं, तो कोई न कोई उसका विरोध करने के लिए सामने आ जाता है। स्थानीय पंचायतें, पर्यावरण विद व कई अन्य एनजीओ विरोध के लिए सामने आती है। कई बार तो ऐसे लोग विरोध करने लग जाते हैं, जिनका उस प्रोजेक्ट से कोई संबंध ही नहीं होता है।
ऐसे में विरोध करना अब ट्रैंड सा बन चुका है। किन्नौर में बन रही 780 मेगावाट जंगी थोपन पोवारी जलविद्युत परियोजना का एजेवीएन के साथ एमओयू किया गया है। इस एमओयू को स्थगित नहीं किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से सर्दियों के दिनों में बिजली की शॉर्टेज पूरी होगी। इससे प्रदेश के 55 प्रतिशत बिजली मिलेगी। इससे पहले विधायक जगत सिंह नेगी ने उनसे पूछा कि सरकार इस प्रोजेक्ट को इतने विरोध के बाद भी बंद क्यों नहीं कर रही है?
यहां कि स्थानीय पंचायतें इसका विरोध कर रहे है। इतना ही पंचायतों ने इस प्रोजेक्ट के विरोध में उपचुनावों के दौरान चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। उपचुनावों में इन पंचायतों के किसी भी सदस्य ने मतदान नहीं किया। यह पंचायते मांग कर रही है कि इस प्रोजेक्ट को रद्द किया जाए। इस मसले पर इन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलने का भी कई बार प्रयास किया हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनसे मुलाकात नहीं की।
उर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया जंगी थोपन प्रोजेक्ट का विरोध कर रही पंचायतों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार ने एक कमेटी में भी बनाई है। यह कमेटी डीसी किन्नौर की अध्यक्षता में बनाई गई है। कमेटी लोगों की समस्याओं को समाधान करने की कोशिश कर रही हैं। इस पर विधायक ने कहा कि सरकार स्वयं इन लोगों से बात करे। सरकार डीसी को बात करने को कहती हैं, डीसी एडीसी को काम सौैंप देते है। ऐसे में यह क्रम आगे से आगे चल रहा है। इस पर उर्जा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार स्वयं अब इस मसले पर विरोध कर रही पंचायतों से बात करेगी।