बिना लक्षण के अब कोविड टेस्ट की जरूरत नहीं, केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने जारी की नई टेस्टिंग स्ट्रेटजी



केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय की ओर से कोविड के संबंध में नई टेस्टिंग स्ट्रेटजी जारी की गई है। इसके अनुसार बिना कोविड के लक्षण के अब कोविड टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा कोविड से रिकवर हुए मरीज या होम आइसोलेशन से निकले व्यक्ति को इंटर स्टेट यात्रा करने के लिए भी कोविड टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है।


स्वास्थय विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सिर्फ अधिक उम्र व अन्य खतरनाक बीमारियों जैसे टीबी, मधुमेह, कैंसर, फैंफड़े या गुर्द की बीमारी और मोटापा आदि वाले मरीज के लिए ही कोविड टेस्ट अनिवार्य होगा। परीक्षण रणनीति पर सलाह 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गाे और अन्य बीमारियों वाले मरीज़ो जिनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, पुरानी फेफड़े या गुर्दे की बीमारी, दुर्दमता, मोटापा आदि वाले व्यक्तियों में संक्रमण का शीघ्र पता लगाने के लिए रोगसूचक मामलों का शीघ्र पता लगाने के लिए कोविड जांच जरूरी है, ताकि समय पर देखभाल उपलब्ध कराई जा सके।


सरकारी प्रवक्ता ने कहा सामुदायिक परीक्षण में लक्षणों वाले व्यक्ति में परीक्षण किया जा सकता है और प्रयोगशाला के कांटेक्ट हिस्ट्री वाले पाजीटिव मामले की पुष्टि की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विदेश यात्रा करने वाले व्यक्तियों या भारतीय हवाई अड्डों बंदरगाहों प्रविष्टियों के बंदरगाहों पर पहुंचने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार कोविड वायरस के लिए परीक्षण किया जा सकता है।

अस्पताल की सेटिंग में डॉक्टर के निर्णय के अनुसार परीक्षण किया जा सकता है। परीक्षण की कमी के कारण किसी भी आपातकालीन प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए और रोगियों को परीक्षण सुविधा के अभाव में अन्य सुविधाओं के लिए नहीं भेजा जाना चाहिए। स्वास्थ्य सुविधा द्वारा मानचित्रित परीक्षण सुविधाओं के लिए नमूने एकत्र करने और स्थानांतरित करने के लिए सभी व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं सहित सर्जिकल या गैर-सर्जिकल इनवेसिव प्रक्रियाओं से गुजरने वाले स्पर्शोन्मुख रोगियों का परीक्षण तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि लक्षण विकसित न हों।

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