भारतीय चिकित्सा पद्धति पर विशेष जागरूकता की जरूरतः राज्यपाल

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि पाठशालाओं में आयुर्वेद तथा औषधीय पौधों से सम्बन्धित प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूकता लाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। इसमें आयुष विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

राज्यपाल आज राजभवन में आयुष विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुष जिसमें आयुर्वेद, योग एवं नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध एवं सोवा रिग्पा और होम्योपैथी शामिल हैं। यह सभी हमारी प्राचीन समावेशी चिकित्सा पद्धतियां हैं और इन्हें बड़े स्तर पर प्रचारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसमें सम्बन्धित विभाग रेडक्राॅस के सहयोग से शिविर आयोजित कर सकते हैं।

राज्यपाल ने प्रारम्भिक स्तर पर कुछ पाठशालाओं में हर्बल गार्डन स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग छात्रों को उगाए जाने वाले औषधीय पौधों की सूचना उपलब्ध करवाए। छात्रों में जागरूकता लाने से यह अभियान घर-घर तक पहुंच सकेगा और इसमें रेडक्राॅस भी अपना सहयोग दे सकता है। उन्होंने इस बारे में एक कार्यक्रम तैयार करने के भी निर्देश दिए।

विश्वनाथ आर्लेकर ने पाठशालाओं में साप्ताहिक योग कार्यक्रम शुरू करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन योग कार्यक्रमों के लिए आयुष विभाग योग शिक्षक प्रशिक्षण प्रदान कर सकता है। राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि पारम्परिक चिकित्सकों को सूचीबद्ध करते हुए एक कार्यशाला भी आयोजित की जा सकती है। इसके माध्यम से उनकी समस्याओं को समझने में सुविधा होगी। उन्होंने पारम्परिक वैद्य की चिकित्सा पद्धति की पहचान और दस्तावेजीकरण की जरूरत पर भी जोर दिया।

सचिव आयुष, राजीव शर्मा ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि राज्य में विभाग के 1,248 संस्थान और 34 अस्पताल चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त राजीव गांधी स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला और 3 राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय जोगिन्द्रनगर, माजरा और पपरोला में संचालित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त जोगिन्द्रनगर, नेरी, दुमरेड़ा और जंगल झलेड़ा में चार हर्बल गार्डन भी स्थापित किए गए हैें।

इस मौके पर निदेशक आयुष, विनय सिंह ने पाॅवर प्वांइट प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में 140 आयुष हैल्थ वेलनेस केन्द्रों को क्रियाशील करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में आयुष्मान भारत के अन्तर्गत आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्रों को आयुष हैल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्र के रूप में स्तरोन्नत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 240 आयुर्वेद स्वास्थ्य केन्द्रों को स्तरोन्नत कर आयुष हैल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्र के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है और इनके स्तरोन्नयन का कार्य प्रगति पर है।

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