मार्च महीने में ही मई-जून के बराबर हुई गर्मी, 38 डिग्री हिमाचल का पारा

हिमाचल में मार्च महीनें में ही मई और जून के बराबर गर्मी पडऩा शुरू हो गई है। पिछले कुछ सालों से मार्च महीनें में हिमाचल में सर्दी का ही मौसम रहता था, तो वहीं इस बार गर्मी का प्रकोप सर चढ़कर बोल रहा है। आलम यह है कि मई महीने में ही प्रदेश के मैदानी इलाकों में लू चलना शुरू हो गई है। तापमान 38 डिग्री के करीब पहुंच गया है। इसके कारण दिन के समय लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।


हिमाचल प्रदेश में मौसम गर्म होते ही मैदानी क्षेत्रों में लू चलना शुरू हो गई है। सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा जिले के कई क्षेत्रों में लू चलने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऊना में सोमवार को इस सीजन का सबसे गर्म दिन दर्ज हुआ। यहां अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मंगलवार को भी प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय 10 जिलों में लू चलने की चेतावनी जारी हुई है।

एक अप्रैल तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में सोमवार को मौसम साफ रहा। सोमवार को बिलासपुर में अधिकतम तापमान 35.0, सुंदरनगर 34.4, हमीरपुर 33.7, कांगड़ा 33.6, चंबा 33.5, भुंतर-सोलन 32.0, धर्मशाला 31.4, शिमला 24.7, डलहौजी 22.7, कल्पा 22.4 और केलांग में 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

वहीं न्यूनतम तापमान राजधानी शिमला में 13.6, सुंदरनगर में 10, भुंतर में 8.1, कल्पा में 5.8 डिग्री, धर्मशाला में 22.4, ऊना में 14.0, नाहन में 18.7, केलंग में 0.1, पालमपुर में 13.5, सोलन में 11.4 डिग्री, मनाली में 6.6, कांगड़ा में 13.8, मंडी में 11.6, बिलासपुर में 14, हमीरपुर में 11.5, चंबा 10.7, डलहौजी में 13.7, कुफरी में 11.1, जुब्बड़हट्टी में 16.5 और पोंटा साहिब में 12.5 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मध्य पर्वतीय जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू और चंबा जिले के निचले क्षेत्रों में मंगलवार को भी लू चलने का येलो अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल प्रदेश में अप्रैल तक मौसम साफ रहेगा। इस दौरान प्रदेश में बारिश की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में आने वाले दिनों में गर्मी में इजाफा होने की पूरी संभावनाएं है। गर्मी बढऩे से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं मार्च माह में ही भारी गर्मी के कारण प्राकृतिक जल स्त्रोतों में पानी का स्तर कम होने लगा है। इसके कारण जहां किसानों व बागवानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी हो रही हैं, तो वहीं पर कुछ स्थानों में पीने के पानी की किल्लत भी शुरू होने लगी है।

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