शारीरिक शिक्षक भर्ती के लिए खुद कोर्ट जाएगा संघ, स्टे हटाने की लड़ेगी लड़़ाई


शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों पर होने वाली भर्ती पर लगे स्टे को हटाने के लिए अब शारीरिक शिक्षक बेेरोजगार संघ खुद कोर्ट में लड़ाई लड़ेगा। इसके लिए संघ ने अपने स्तर पर अधिवक्ता को भी हायर दिया है। संघ के प्रधान शशिकांत, उप प्रधान ऋषि शर्मा और सचिव शर्मा ने भर्तियों की बहाली के लिए मोर्चा संभाल लिया है।


मंगलवार को शिमला में प्रशिक्षित बेरोजगा संघ ने शिमला में एक बैठक की। बैठक में सबकी सहमति से वकील को हायर किया गया है और अपनी बात रखी गई। प्रधान शशिकांत ने बताया कि शारीरिक शिक्षकों के पिछले चार साल से कोई भी पद नहीं भरे गये जो 870 पदों मंत्रिमंडल से पास हुए थे। उन सभी पदों पर स्टे लगा हुए है।

प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षक सघ के प्रधान शशिकान्त और संघ के उप प्रधान ऋषि शर्मा जी ने बताया कि प्रदेश में 2000 शारीरिक शिक्षक के पद रिक्त है और 380 डीपीई के पद रिक्त है और 380 कॉलिज के आचार्य के पद रिक्त चले हुए है और 500 पद योग शिक्षकों के रिक्त चले हुए है।

लगभग 22 सालो से डीपीई का कोई भी टेस्ट सीधी भर्ती से नही हुए है। यह बड़े शर्म की बात है, जो 74 पद डीपीई के केबिनेट से पास हुए उसकी आज तक कोई सूचना नहीं है। वह पिछले बजट 2021 मे पास हुए थे अब 2022 बजट आने वाला है अभी तक पिछली बजट मे पास हुइ पदों ही नहीं भरे गए है, जो 870 पद डीपीई के 2021 में केबिनेट से पास हुए थे। उसमे भी एक साल से स्टे लगाया हुआ है।

इससे हजारो की संख्या में शारीरिक शिक्षको को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। स्टे के कारण कुछ बेरोजगार की उम्र भी जा रही है कुछ की उम्र जाने वाली है, शिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षक सघ के प्रधान शशिकांत और उप प्रधान ने अब आगे आ कर मोर्चा संभाल लिया है। प्रधान ने बताया कि मंडी जिले में हम कई बार मुख्यमंत्री से मिले उप प्रधान भी हर जगह हर समय मिले उस से कुछ नही हुआ। इसलिए अब अब उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है, अब लड़ाई को न्यायालय के माध्यम से ही लड़ा जाएगा जिस से हजारों बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को न्याय मिल सके और रोजगार मिल सके।

प्रधान ने बताया कि मंडी जिले में हम कई बार मुख्यमंत्री से मिले उप प्रधान भी हर जगह हर समय मिले उस से कुछ नही हुआ। इसलिए अब अब उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है, अब लड़ाई को न्यायालय के माध्यम से ही लड़ा जाएगा जिस से हजारों बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को न्याय मिल सके और रोजगार मिल सके।

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