सेब सीजन: हिमाचल में 2021 में सेब सीजन घटा या बढ़ा, पढि़ए विस्तृत रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में अब सेब सीजन लगभग समाप्त होने की कगार पर है। कुल्लू, शिमला, मंडी और चंबा जिला में सेब सेब सीजन पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। हालांकि किन्नौर और लाहौल स्पीति जिला के कई क्षेत्रों में सेब सीजन अभी चला हुआ है। अभी तक के आंकड़ो के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। भारी बर्फबारी व ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बावजूद भी हिमाचल में सेब उत्पादन इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा है।


बागवानी विभाग के आंकड़ो के मुताबिक अभी तक मंडियों में सेब की 2 करोड़ 98 लाख पेटियां पहंच चुकी है। जबिक पिछले साल 2020 में सेब उत्पादन ढाई करोड़ पेटी तक ही सिमट गया हैै। हालांकि बागवानी विभाग ने इस वर्ष प्रदेश भर मेें 3 करोड़ 22 पेटी के उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन अब सेब अनुमान से ज्यादा सेब की पेटियों होने की संभावना जताई जा रही है।

मंडियों में अब तक सेब कीर 2 करोड़ 98 लाख पेटियां पहुंची है, जबिक एचपीएमसी व हिमफैड में द्वारा एमआईएस के तहत खरीदे गए सी ग्रेड की खरीद भी की गई है। यह खरीद 72 हजार मीट्रिक टन हुर्ह है। बागवानी विभाग के अधिकारियों का मामना है कि 14 से 15 लाख पेटी के करीब यह खरीद हुई है। वहीं कई बागवानों का सेब अभी तक कोल्ड स्टोर में रखा हुआ है। इसकी गणना भी अब तक विभाग ने नहीं की है।

बताया जा रहा है कि 15 नवंबर तक सेब सीजन समाप्त होने की घोषणा के दौरान इसकी गणना की जाएगी। इन सब की गणना के बाद पता चल पाएगा कि वास्तव में कितना सेब उत्पादन हिमाचल में वर्ष 2021 में हुआ है। हालांकि बागवानी विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि इन सब की गणना के बाद हिमालच प्रदेश में सेब उत्पादन 3 करोड़ 30 लाख के करीब पहुंचने के आसार है।


सेब की फ्लॉवरिंग और सेटिंग के समय में मौसम में उतार चढ़ाव आते रहे। जिस वक्त फ्लॉवरिंग होती है उस समय बर्फबारी हुई थी। ऐसे में सेब के पौधों की अच्छी सेटिंग नहीं हो पाई। जिसके कारण उत्पादन बूरी तरह प्रभावित हुआ है। सेब की फ्लॉवरिंग कम हुई। जो फूल लगा वह ओलावृष्टि की वजह से खराब हुआ। उसके बाद दोबारा ओलावृष्टि हुई जिससे फलों को भी नुकसान हुआ। मौसम में उतार चढ़ाव की वजह से सेब का साइज भी अच्छा नहीं बन पाया।

2010 में हुआ था सबसे ज्यादा उत्पादन

बागवानी विभाग के आंकड़ो के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में 2010 में सेब उत्पादन में काफी ज्यादा हुआ था। 2010 में 4 करोड़ 46 हजार सेब की पेटियों का उत्पादन हुआ था। 2010 के बाद वर्ष 2013 और 2015 में सेब उत्पादन साढ़े 3 करोड़ से ऊपर गया था। 2013 में सेब उत्पादन 3 करोड़ 70 लाख के करीब हुआ था, जबिक 2015 में 3 करोड़ 88 लाख पेटियों का उत्पादन हुआ था। सबसे कम सेब उत्पादन वर्ष 2011 में हुआ था। इस दौरान सिर्फ एक करोड़ 38 लाख पेटियों का ही उत्पाद हुआ था।

कम दाम से परेशान हुए बागवान
हिमाचल प्रदेश में हालांकि सेब उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक ज्यादा हुआ है, लेकिन सेब के कम दाम मिलने के कारण कई बागवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। कई बागवानों का लागत मूल्य भी नहीं निकल पाया है। ऐसे में बागवानों को मुनाफ के बजाए उलटा नुकसान भी उठाना पड़ा है। शुरूआत में बागवानों को हालांकि सही दाम मिले, लेकिन सेब सीजन के पीक पर आते आते सेब के दामों में काफी ज्यादा गिरावट आ गई थी।

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