हिमाचल में कोविड से ज्यादा जानलेवा सड़क हादसें



हिमालच प्रदेश में सड़क हादसें कोविड से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे है। प्रदेश में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या कोविड की तीसरी लहर में मरने वाले के लगभग बराबर ही हैं। कोविड से हुई मौत पर जहां खूब चर्चा हो रही हैं, तो वहीं सड़क हादसों में हुई मौतों का कहीं जिक्र तक नहीं है। साथ ही इन हादसों से निपटने के लिए सरकार व विभाग की ओर से कोई कदम भी नहीं उठाए जा रहे है। मॉनसून सीजन में भी सड़क हादसों में हजारों लोगों की जान गई हैं, उसके बाद अब विंटर सीजन भी जानलेवा दिखाई पड़ रहा है।


बीते दिनों प्रदेश के ऊना जिला में दो बाइक टकरा गई थी। दोनो बाइकों पर सवार चारो लोगों की इस हादसें में मौत हुई थी। इसके बावजूद भी सरकार व विभाग की गहरी नींद में सोए हुए है। हिमाचल में कोविड की तीसरी लहर दिसंबर महीने के आखिरी सप्ताह से शुरू हुई थी। इस दौरान प्रदेश में 186 लोगों की मौत हुई है। वहीं पहली जनवरी से अब तक प्रदेश में हुई दुर्घटनाओं में 146 लोगों की मौत हुई है। इनमें 93 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। वहीं प्रदेश 223 लोगों घायल हुए है। यह व्यक्ति 40 दिनों में हुई आपदाओं में घायल हुए है।


राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा मौतों सड़क हादसों में पेश आई है। सड़क हादसों में अब तक 93 लोगों की जान गई है। बर्फ के कारण प्रदेश के कई जिलो में सड़कों पर फिसलन बनी हुई है। ऐसे में गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार सबसे सड़क हादसों मेँ सबसे ज्यादा मौते शिमला जिला में हुई है। शिमला जिला में 19 लोगों को सड़क हादसों में जान गवानी पड़ी है। इसके बाद मंडी जिला में 15, सिरमौर और सोलन जिला में 11 -11 लोगों की सड़क हादसों में जान गई है।

कुल्लू में 10, सिरमौर और चंबा जिला में 7-7 लोगों की मौत हुई है। ऊना में 07, किन्नौर में 05, हमीरपुर में 1, कांगड़ा और लाहौल स्पीति में कोई मौत नहीं हुई है। सड़क हादसों के अलावा अन्य दुर्घटनाओं में लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। इनमें बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई है। यह मौत कांगड़ा जिला में हुई है। 09 मौतें भूस्खलन के कारण हुई है। 3 मौते डूबने से, 2 मौते आग लगने की घटना के दौरान पेश आई है। बिजली का करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत हुई है। 20 मौते गिरने के कारण और 17 लोगों की मौत अन्य दुर्घटनाओं में पेश आई है। आपदाओं में जहां सैंकड़ो लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है तो वहीं अब तक हुई आपदों में 223 लोग घालय हुए है।


वहीं कोविड की तीसरी लहर प्रदेश में सरकारी प्रवक्ता ने आज कहा कि की तीसरी लहर दिसंबर 2021 के अंतिम सप्ताह से शुरू हुई। 45 दिनों की अवधि में राज्य ने एक वायरल बीमारी के कुल 49,456 सकारात्मक मामले। उन्होंने कहा कि राज्य में इस तरह की उच्च सकारात्मकता का कारण कोविड वायरस की चिंता के नए रूप की अत्यधिक संक्रामक प्रकृति थी। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस अवधि के दौरान राज्य भर में के कारण होने वाली मौतों की कुल संख्या 186 थी।

जिला बिलासपुर, चंबा, किन्नौर, कुल्लू और सिरमौर में कोविड के कारण 10 से कम मौतें हुईं। जिला कांगड़ा से सबसे अधिक 51 लोगों की मौत हुई, इसके बाद जिला शिमला से 43 मौतें, जिला मंडी से 26 मौतें और जिला सोलन में 19 मौतें हुईं। 3 फरवरी 2022 को सबसे ज्यादा 12 मौतें दर्ज की गईं। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि 45 दिनों की अवधि के दौरान हुई कुल 186 मौतों में से 67 कोविड पॉजिटिव व्यक्तियों की मृत्यु हो गई, जिन्हें कोविड वैक्सीन की किसी भी खुराक का टीका नहीं लगाया गया था। कुल 186 मौतों में से 130 पुरुष और 56 महिलाएं थीं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों में मारे गए लोगों के परिवारों को सरकार की ओर से 5.84 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। रिपोर्ट के मुताबिक यह राशि सरकार की ओर से अनुग्रह भुगतान के तौर पर मृतक परिवारों के परिवारों की दी जानी है। अगर समय रहते सरकार की ओर से को इन हादसों को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाया जाता है तो यह राशि बढ़ती जा सकती है। वहीं सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ सकती है।

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