हिमाचल में पशुओं के लिए भी एक 108 की तरह होगी एंबुलेंस

पशुओं के बीमार होने पर उनकी घरद्वार पर ही उपचार मिलेगा। इसके लिए किसानों व पशुपालकों को वेटनरी अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को 89.95 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट भेजा है। अगर केंद्र सरकार से यह प्रोजेक्ट मंजूर हो जाता हैं, तो फिर प्रदेश के सभी जिलों में मोबाइल वेटरनरी सेवा शुरू हो जाएगी।


पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी सिर्फ प्रदेश के 3 जिलों में यह सुविधा शुरू की गई है। इनमें मंडी चंबा और ऊना जिला शामिल है। देश में अब 108 की तर्ज पर पशुओं को घर द्वार उपचार मिलेगा। इसके लिए राष्ट्रीय विज्ञान कृषि योजना में मंडी जिला ने पहल करते हुए 108 की तर्ज पर मोबाइल उपकरण वाहन चलाने की योजना बनाई है। मोबाइल वाहन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।

विभाग पहली बार पशुपालकों की सुविधा के लिए प्रपोजल तैयार कर रहा है। इसे स्वीकृति के लिए निदेशालय के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। बीमार पशुओं को इलाज के लिए कई किलोमीटर पैदल लाना पशुपालकों को काफी मुश्किल होता है। विभाग की इस पहल से दूरदराज के क्षेत्रों में पशुपालकों को घर द्वार पर पशुओं के उपचार की सुविधा मिलेगा।

मोबाइल उपकरण वाहन में विशेषज्ञ मौके पर ही पशु का इलाज करेगा। वाहन 108 एंबुलेंस की तर्ज पर होगा। वाहन में लैब संबंधी आधुनिक उपकरण भी रखे जाने की योजना है। ताकि मौके पर खून जांच सहित अन्य टेस्ट किए जा सके। इस योजना से प्रदेश के लाखों पशुपालकों को लाभ मिलेगा। हरी झंडी मिलने पर मंडी जिला हर खंड में एक मोबाइल उपकरण वाहन तैनात होगा। पशुओं में संक्रमित तथा अन्य रोग फैलाने की सूरत पर मोबाइल उपकरण वाहन वरदान सिद्ध होगा। विशेषज्ञों की टीम सभी प्रकार के टेस्ट तथा औपचारिकताएं मौके पर ही पूरी कर लेंगे और उसी के मुताबिक उपचार भी देंगे।

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