मुख्यमंत्री एक बीघा योजना में साढ़े 10 हजार आवेदन स्वीकृति


मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के तहत प्रदेश के साढ़े 10 हजार किसानों के आवेदन स्वीकृत किए गए है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए पूरे प्रदेश से लोगों ने आवेदन किए है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है।

इस योजना केतहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा (या 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। योजना में 5,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 1.50 लाख महिलाएं शामिल होंगी। महिलाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा ैहै। पहाड़ी भूमि को समतल करने, पानी को चैनेलाइज करने, वर्मी कपोस्ट पिट स्थापित करने और पौधे और बीज खरीदने के लिए अनुदान दिया जाता है।

जयराम ने कहा कि सभी स्वयं सहायता समूह जो जॉब कार्ड धारक हैं, वह इस योजना के तहत एक लाख रुपये का लाभ ले सकते हैं। लगभग 1.50 लाख महिला सदस्य लाभान्वित होंगी। मुख्यमंत्री ने योजना का पोस्टर भी जारी किया। विभाग का कहना है कि योजना से राज्य की ग्रामीण आर्थिकी में बदलाव आ रहा है। जमीनी स्तर पर महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण भी हो रहा है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से यह योजना वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 2 सालों में साढ़े 10 हजार लोगों ने उठाया एक बीघा योजना का लाभ उठाया है। योजना के तहत लाभार्थियों को 01 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही हे। इस योजना के तहत, भूमि विकास, नर्सरी उत्पादन, फलदार वृक्षारोपण, वर्मीकंपोस्ट और गड्डे का निर्माण, सिंचाई और जल संचयन संरचना का निर्माण के लिए सहायता की जाती है।

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