108 कर्मचारियों पर 14 को होगा फैसला, 14 तक कंपनी में नई भर्तियों पर लगाई रोक

हिमाचल में 102 व 108 एंबुलेंस सेवा का काम नई कंपनी के टेकओवर करने के बाद कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इन कर्मचारियों की नौकरी को लेकर अब 14 फरवरी को फैसला लिया जाएगा। पुराने कर्मचारियों को नौकरी पर न रखने के बाद कर्मचारियों ने सोमवार को एनएचम निदेशालय के बाहर हल्ला बोल दिया था। इसके बाद अब एनएचम अधिकारियों ने 14 फरवरी को मेडसवान कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई है।
ऐसे में अब 14 फरवरी तक कंपनी कई भी नई भर्ती नहीं करवा सकेगी।

14 की बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि जिन पुराने कर्मचारियों को नई कंपनी ने ऑफर लेटर नहीं दिए है। उनकी जगह नई भर्तिया करवाई जाएगी या फिर पुराने लोगों को ही काम पर रखा जाएगा। हालांकि पुराने लोगो को नौकरी न मिलने पर कर्मचारियों ने सरकार व विभाग के खिलाफ हल्ला बोल हुआ है। ऐसे में अगर इन कर्मचारियों दोबारा नौकरी नहीं मिलती हैं तो फिर आने वाले समय इनका आंदोलन और ज्यादा उग्र होगा।


गौरतलब है कि प्रदेश में आपातकालीन स्थिति में स्वास्थय सुविधाएं प्रदान करवाने वाली 102 व 108 एंबुलेंस सेवा का काम पहले जीवीके कंपनी देखती थी, लेकिन इस कंपनी का करार 15 जनवरी को समाप्त हो गया था। इस कंपनी का करार समाप्त होने के बाद मेडसवान फाउंडेशन नाम के साथ सरकार की ओर से नया करार किया गया है। नई कंपनी के काम टेकओवर करने के बाद सोलन जिला के धर्मपुर में कंपनी द्वारा सभी कर्मचारियों के साक्षात्कार लिए गए थे।

साक्षात्कार के बाद कुछ कर्मचारियों को दोबारा ऑफर लेटर दे दिए गए, जबिक ज्यादात्तर कर्मचारियों को कंपनी की ओर से ऑफर लेटर नहीं मिले, इनकी जगह कंपनी ने नए कर्मचारियों की भर्तियां करनी शुरू कर दी। कंपनी के इस काम से पुराने सभी कर्मचारी नाराजा है। कर्मचारियों की मांग की जिन कर्मचारियों को ऑफर लेटर नहीं मिले है, उन्हें दोबारा ऑफर लेटर दिए जाए। पहले की तरह मिलने वाला पदनाम व वेतन ही उन्हेें प्रदान किया जाए।


हिमाचल एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के राजेश चंदेल ने कहा कि कर्मचारियों के साथ किया जा रहा खिलवाड़ कतई बदार्शत नहीं किया जाएगा। जितने कर्मचारी पहले से ही एंबुलेंस सेवाएं दे रहे हैं उन सभी को ज्वाइनिंग लेटर मिलने चाहिए और उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाए। इन कर्मचारियों ने 90 व 60 दिन की ट्रेनिंग की है और इन्हें काफी सालों का अनुभव है। 10 साल से भी अधिक का समय इन कर्मचारियों को नौकरी करते हुए हो गया है, लेकिन अब इन कर्मचारियों को बेरोजगार होकर घर बैठना पड़ रहा है जो की सरासर गलत है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 1200 के करीब कर्मचारी हैं। कुछ कर्मचारियों को ऑफर लेटर न मिलने से कर्मचारियों में काफी रोष पनप गया है । बता दें कि हिमाचल में 138 एंबुलेंस सेवा का जिम्मा मेडसवान फाउंडेशन को आगामी 4 वर्ष के लिए दिया गया है । ऐसे में अब प्रदेश में चल रही 108 एंबुलेंस सेवा के तहत 200 और 102 सेवा के तहत 125 एंबुलेंस है। इसमें जितने भी कर्मचारी हैं उन्होंने कोरोना काल में भी अपनी सेवाएं बखूबी दी है

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