हिमाचल में हर वर्ष 3 हजार सड़क हादसों में 1200 मौतें

सडक़ हादसे रोकने को विभाग ने परिवहन विभाग ने छेड़ा अभियान

हिमाचल में औसतन 3000 सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लगभग 1200 लोगों की मृत्यु होती है तथा लगभग 5000 के करीब लोग घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं में लगभग 95 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय भूलों के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं का मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना, खतरनाक तरीके व लापरवाही से वाहन चलाना तथा गलत तरीके से ओवरटेक करना अथवा लैंड बदलना, गलत तरीके से वाहन मोडऩा व नशा करके वाहन चलाना शामिल है।

परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने रविवार को मशोबरा में सडक़ सुरक्षा पर आयोजित कार्यशाला के दौरान यह जानकारी दी। सडक़ दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की बिना किसी डर व झिझक के सहायता करने तथा उन्हें तुरन्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रेरित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गुड समैरिटन अर्थात् नेक व्यक्ति को सुरक्षा व अधिकार प्रदान करने के लिए कानून में प्रावधान किया गया है ताकि अमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सके। इसके तहत सडक़ दुर्घटना पीडि़त व्यक्ति की सहायता करने वाले नेक व्यक्ति से उसकी इच्छा के विरूद्ध कोई भी पूछताछ नहीं की जाएगी न ही उसे रोका जाएगा।

समैरिटन द्वारा सहायता प्रदान करने पर सम्मान एवं ईनाम योजना भी आरम्भ की गई है। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में सडक़ सुरक्षा प्रकोष्ठ, परिवहन विभाग द्वारा लोगों को पंचायत व वार्ड स्तर तक सडक़ सुरक्षा नियमों एवं कानूनों की जानकारी प्रदान करने के लिए प्रचार सामग्री प्रकाशित की गई है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में परिवहन निदेशालय शिमला में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सडक़ सुरक्षा पर गठित समिति के दिशा-निर्देशों के अनुसार सडक़ सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत सडक़ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। सडक़ सुरक्षा प्रकोष्ठ, परिवहन विभाग द्वारा लोगों को पंचायत व वार्ड स्तर पर सडक़ सुरक्षा नियमों व कानूनों की जानकारी प्रदान करने तथा उन्हें जागरूक नागरिक बनाने के उद्देश्य से विभिन्न मीडिया माध्यमों व प्रतियोगिताओं का आयोजन कर जागरूकता प्रदान की जा रही है।

हिमाचल में 19 लाख गाडिय़ा पंजीकृत
उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 19 लाख वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 10 लाख से अधिक संख्या दो पहिया वाहनों की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं में शामिल वाहनों में सबसे अधिक संख्या हल्के मोटर वाहनों, जिसमें कार जीप आदि शामिल है इसके पश्चात दो पहिया वाहनों की संख्या भी इसमें शामिल है। स्चिव राज्य परिवहन प्राधिकरण घनश्याम चंद ने आभार उद्बोधन में कार्यशाला के आयोजन के लिए सभी के प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कलाकारों से सडक़ सुरक्षा के बिंदुओं को जन-जन तक पहुंचाने की गंभीरता की अपील की।

घायलों की सहायता करें मिलेगा ईनाम
उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की बिना किसी डर व झिझक के सहायता करने तथा उन्हें तुरन्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रेरित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गुड समैरिटन अर्थात् नेक व्यक्ति को सुरक्षा व अधिकार प्रदान करने के लिए कानून में प्रावधान किया गया है ताकि अमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सके।

इसके तहत सडक़ दुर्घटना पीडि़त व्यक्ति की सहायता करने वाले नेक व्यक्ति से उसकी इच्छा के विरूद्ध कोई भी पूछताछ नहीं की जाएगी न ही उसे रोका जाएगा। समैरिटन द्वारा सहायता प्रदान करने पर सम्मान एवं ईनाम योजना भी आरम्भ की गई है। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में सडक़ सुरक्षा प्रकोष्ठ, परिवहन विभाग द्वारा लोगों को पंचायत व वार्ड स्तर तक सडक़ सुरक्षा नियमों एवं कानूनों की जानकारी प्रदान करने के लिए प्रचार सामग्री प्रकाशित की गई है।

परिवहन विभाग ने बताई कार्ययोजना
इस अवसर पर उन्होंने कलाकारों को सडक़ सुरक्षा टोपी व हुड भी प्रदान किए। स्वागत संबोधन के दौरान निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप ने परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों तथा दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न कार्यों की जानकारी दी।

इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त परिवहन हिमस नेगी ने सडक़ सुरक्षा गतिविधियों के संबंध में जानकारीयुक्त प्रेजेंटेशन प्रदान की। सडक़ दुर्घटनाओं से संबंधित विभिन्न आंकड़ों को डीएसपी अमर सिंह ने अपनी प्रेजेंटेशन में अत्यंत प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। सडक़ सुरक्षा से संबंधित लघु वृत चित्र भी कार्यशाला का अभिन्न अंग रहा।

नुक्कड़ नाटक से किया सावधान
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के अधीन कार्यरत पूजा कला मंच शोघी द्वारा सडक़ सुरक्षा से संबंधित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला के अंतिम चरण में सडक़ सुरक्षा में मानवीय दृष्टिकोण के संबंध में सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के पूर्व उप-निदेशक विनोद भारद्वाज तथा पूर्व संयुक्त निदेशक जगवीर सिंगा द्वारा सडक़ सुरक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। दिल्ली से आए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आरकेटेक्ट से सम्बद्ध में शुओन आजीज द्वारा सडक़ सुरक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर पूरे प्रदेश के सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के तहत सूचीबद्ध विभिन्न लोक समूह के लगभग 150 कलाकार उपस्थित थे।

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