झुग्गी झोपड़ी वालों को 2 बिस्वा जमीन, कांग्रेस का वाकआउट

अचानक विधानसभा में बिल पेश करने पर कांग्रेस का वाकआउट
सुखविंद्र सुक्खू ने कहा जमीन के साथ बिजली भी निशुल्क दें

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य सरकार ने स्लम एरिया में रहने वाले लोगों को 2 बिस्वा जमीन देने का विधेयक रखा है। कटौती प्रस्तावों पर चल रही चर्चा के दौरान अचानक की बेल सप्लीमेंट्री एजेंडा के तहत शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने रखा। इसे पारित करने के लिए अब मंगलवार लगाया जाएगा।

बिल को हिमाचल प्रदेश स्लम द्वेलर्स प्रॉपर्टी राइट्स बिल 2022 का नाम दिया गया है। इसमें में प्रावधान किया गया है कि स्लम एरिया में रहने वाले लोगों को घर बनाने के लिए 2 बिस्वा जमीन दी जाएगी। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकारी भूमि पर कई दशकों से बसे होने के कारण यह निरंतर बेदखली के भाव से जीते हैं और ऐसी परिस्थिति ना हो इसलिए इन्हें सुरक्षा देने के लिए यह बिल लाया गया है।

घनी आबादी वाले स्लम वहां रहने वाले लोगों की सेहत के लिए भी मुश्किलें पैदा कर रहे हैं, इसलिए सरकार ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आने वाले जीने के मौलिक अधिकार को लागू करते हुए इन लोगों के लिए यह राहत लाई है। इसके तहत वर्षों से सरकारी भूमि पर काबिज स्लम निवासियों की पहचान कर उन्हें 2 बिस्वा यानी कि 75 वर्ग मीटर तक भूमि आवास बनाने के लिए दी जाएगी। इससे गरीब परिवारों को केवल आवासीय सुरक्षा मिलेगी बल्कि उनके जीवन स्तर में भी उत्थान होगा इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि देवभूमि के बहुमूल्य भू संसाधन को सुरक्षित रखा जाए और वर्तमान भूअभि नियमों के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो।

लेकिन कांग्रेस विधायक दल ने अचानक इस बिल को पेश करने का विरोध किया और यह भी कहा कि उनके लिए इस पर सुझाव देने का समय कम है वर्कआउट करने के बाद कांग्रेस विधायक सुखविंदर सुखी ने कहा कि राज्य सरकार को सलाम के निवासियों को जमीन के साथ आग बिजली का कनेक्शन भी फ्री देना चाहिए कांग्रेस गरीब लोगों के लिए शुरू से लड़ती आई है और इसलिए हम जल्दबाजी में लाए गए इस बिल का विरोध कर रहे हैं उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस की ओर से मामला उठाने के बाद ही सरकार को अचानक किसकी याद आई

नगर निगम के वार्ड बढ़ाने पर चर्चा आज
शिमला नगर निगम में चुनाव से पहले वालों की संख्या 34 से बढ़ाकर 41 करने पर विधानसभा में चर्चा मंगलवार को होगी। यह बजट सत्र का आखिरी दिन है बजट सत्र के दूसरे दिन इस विधेयक को सदन में रखा गया था जिसे आज पूर्व स्थापित किया गया है हालांकि अध्यादेश के जरिए इस प्रावधान को सरकार पहले ही लागू कर चुकी है नगर निगम के वार्ड बढ़ाने का विपक्ष विरोध करता है या नहीं यह मंगलवार को बजट सत्र के आखिरी दिन पता चलेगा।

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