शिमला शहर में पार्किंग (Shimla Car Parking) के नाम लूट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब लिफ्ट पार्किंग में 57 मिनट की जगह 200 रुपए पार्किंग के वसूल लिए। नगर निगम के पूर्व मेयर संजय चौहान ने नगर निगम शिमला से ये मामला उठाया है। आरोप लग रहे हैं कि 57 मिनट पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के 200 रुपए वसूल लिए।
दरअसल माकपा नेता जो दिल्ली से शिमला पहुंची थी उन्होंने अपनी गाड़ी पार्किंग में खड़ी कर दी। पार्किंग संचालक ने उन्हें 200 रुपए का टिकट थमा दिया जो कि तय रेट से कहीं ज्यादा था। आरोप है कि नगर निगम की नाक तले आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं लेकिन नगर निगम का इस पर कोई चेक नहीं है।
शिमला शहर की लिफ्ट पार्किंग शहर की बड़ी पार्किंग में से एक है। राजधानी शिमला की अधिकतर पार्किंग इन दिनों पैक है। सैलानियों की आमद बढ़ते ही शहर के पार्किंग संचालकों को लूट का मौका मिल गया है। नगर निगम की ओर से निर्धारित रेट को दर किनार कर मनमानी वसूली की जा रही है। इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं जहां शहर में पार्किंग के नाम पर लूट घसूट की जा रही है। ऐसे में अब एमसी शिमला से उचित कार्रवाई की मांग की गई है।
वेलेट पार्किंग के 200 रुपए ही रेट
इस पूरे मामले पर पार्किंग के मैनेजर सतीश शर्मा का कहना है कि कोई भी एक्सट्रा चार्ज नहीं वसूला गया है। पार्किंग में दो तरह की सुविधाएं है और रेट भी इसी तरह के है। जहां ये गाड़ी पार्क होती है वह वेलेट पार्किंग है। वैलिड पार्किंग के रेट 0 से 8 घंटे के 200 रुपए ही है। जबकि नार्मल पार्किंग के रेट 35 रुपए से शुरू हो रहे हैं। वैलिड पार्किंग में ड्राइवर की सुविधा मिलती है। यानि गाड़ी को पार्क करने और एग्जिट करने के लिए ड्राइवर मौजूद रहता है। ऐसे में किसी भी तरह की लूट नहीं की गई। ये आरोप सरासर झूठे हैं।
क्या कहता है नगर निगम प्रशासन
नगर निगम शिमला के आयुक्त आशीष कोहली का कहना है कि पार्किंग में तय रेट से ज्यादा शुल्क लेेने की शिकायत मिली है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। यदि ऐसा हुआ है तो इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।