पैंशनरों को संशोधित स्केल पर 5-10-15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी


हिमाचल प्रदेश के पैंशनरों को 65-70-75 वर्ष की उम्र में संशोधित पैंशन पर 5-10-15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी। इससे हिमाचल प्रदेश के पैंशनरों को 130 करोड़ रुपए का लाभ होगा। 65-70-75 वर्ष की उम्र में कर्मचारियों को 5-10-15 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी की घोषणा वर्ष 2012 में भाजपा सरकार की ओर से ही की गई थी, लेकिन यह वेतन बढ़ोत्तरी पुरानी बेसिक पे पर मिलती थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐलान किया है कि यह वेत्तन बढ़ोत्तरी संशोधित पैंशन पर मिलेगी।


सचिवालय में आयोजित हिमाचल प्रदेश पैंशनर्स संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह ऐलान किया हैं। मुख्यमंत्री ने 2016 से पहले के पेंशनभोगियों की पेंशन/पारिवारिक पेंशन को 1 जनवरी, 2016 से नोशनल संशोधित वेतन मैट्रिक्स के 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर पर संशोधित करने की घोषणा की है। इससे भी हिमाचल के पैंशनरों को काफी ज्यादा राहत मिलेगी। इस संबंध में वित्त विभाग शीघ्र ही आदेश जारी करेगा।

उन्होंने घोषणा की कि पेंशनभोगियों को शीघ्र पहचान पत्र जारी करने और चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के भुगतान के लिए 25 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में 2,40,640 कर्मचारी और 1,90,000 पेंशनभोगी हैं और उनका पूरा भुगतान समय पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पेंशनभोगियों की पेंशन, पारिवारिक पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों को प्रथम जनवरी, 2016 से संशोधित किया गया है।

उन्होंने कहा कि न्यूनतम पेंशन और पारिवारिक पेंशन प्रथम जनवरी, 2016 से 3500 रुपये से बढ़ाकर 9000 रुपये प्रति माह की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को वर्तमान 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है और आठ प्रतिशत और चार प्रतिशत की दर से अंतरिम राहत प्रथम जनवरी, 2016 और प्रथम जुलाई, 2018 से प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता समय-समय पर बढ़ाया गया।

उन्होंने कहा कि वेतनमान में संशोधन के बाद प्रथम जनवरी, 2016 से पेंशनभोगियों की महंगाई राहत को प्रथम जुलाई, 2021 से 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत कर दिया गया है। हिमाचल कर्मचारी एवं पेंशनभोगी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और राज्य के पेंशनभोगियों के विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के लिए संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक आयोजित करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की अदायगियां समय पर प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों के प्रभावी प्रबंधन को जाता है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। वित्त सचिव डॉ. अक्षय सूद ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रदान किए जा रहे विभिन्न लाभों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव आरडी धीमान, प्रधान सचिव एवं सचिव भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए बनाई कमेटी
प्रदेश के सरकारी व निजी अस्पतालों में प्रदेश के पैंशनरों के मुफ्त इजाल के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए हिमकेयर की तर्ज पर पैंशरनों के कार्ड बनाए जाएंगे। कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए सचिव वित्त विभाग की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करने के लिए मुख्य सचिव ने आदेश दिए हैं। यह कमेटी 30 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। इसमें एमडी एनएचएम भी शामिल होंगे।

एचआरटीसी पैेंशनरों का स्थाई समाधान

एचआरटीसी पैंशनरों की पैंशन का स्थाई समाधान करने के लिए पैंशनरों ने एचआरअीसी प्रबंधन को एक प्रस्ताव सौंपा हैं। मुख्य सचिव आरडी धीमान ने जीसीसी की बैठक के दौरान यह आश्वासन दिया हैं कि पैंशनरों के इस प्रस्ताव को एक महीने के अंदर अध्ध्यन किया जाएगा और एचआरटीसी पैंशनरों की समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा। बैठक में यह भी आश्वासन दिया गया हैं कि एचआरटीसी पैंशनरों को हर महीने पहले हफ्तें में पैंशन प्रदान कर दी जाएगी।

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