मॉनसून: नुकसान के आंकलन को दिल्ली से आई टीम, 4 जिलों का करेगी दौरा

तस्वीरें किन्नौर से बादल फटने के बाद 19/07/2022

हिमाचल प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र की टीम आज हिमाचल पहुंच जाएगी। 30 अगस्त तक यह टीम हिमाचल में रहेगी और प्रदेश के 4 जिलों का दौरा करेगी। इन जिलों में चंबा, कुल्लू मंडी और कांगड़ा जिला हैं। केंद्र से आने वाली टीम के दौरे को देखते हुए सरकार की ओर से इन जिलों के जिला उपायुक्त को आदेश जारी किए हैं। सरकार की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि टीम के रहने और साइट पर विजिट करने के लिए व्यवस्था की जाए।


हिमाचल में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव गृह मंत्रालय की अध्यक्षता में एक इंटर मिनिस्ट्रयल सेंट्रल टीम का गठन किया गया हैं। यह टीम सितंबर माह के पहले सप्ताह हिमाचल आने वाली थी, लेकिन अब इसी महीने यह टीम हिमाचल का दौर करेगी। टीम रविवार को हिमाचल प्रदेश का दौरा करेगा। और 29 और 30 को हिमाचल के उन जिलों में साइट विजिट करेगी। जहां पर बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ हैं।


गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव की ओर से मंगलवार को केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा गया था। इस पत्र में केंद्र सरकार से हिमाचल को इंटर मिस्ट्रियल टीम भेजने के लिए आग्रह किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सुनील कुमार बर्नवाल, संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में केंद्रीय दल का गठन किया गया है। ऐसे में अब यह टीम रविवार को हिमाचल पहुंच जाएगी और इसी महीने नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगी।

केंद्र सरकार से मिलेगी सहायता

प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुक्सान का आकलन समय पर होने के साथ ही प्रदेश को केन्द्रीय आपदा मोचन निधि की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता प्राप्त होगी जिससे मानसून से प्रदेश में प्रभावित लोगों को समुचित राहत सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा सकेगी। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान मानसून में प्रदेश में भारी वर्षा, भूस्खलन और बादल फटने की अनेक घटनाएं घटित हुई जिसमें 270 लोगों की अमूल्य जाने चली गई व 10 लोग अभी भी लापता हैं।

इस आपदा से 270 पशु मारे गए तथा 1658 रिहायशी मकान, दुकाने, गौशालाएं व घराट इत्यादि क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस दौरान प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गो, ग्रामीण सडकों, पेयजल योजनाओं व विद्युत परियोजनाओं को भी भारी नुक्सान हुआ है। अब तक प्रदेश को इस मानसून के दौरान 1723 करोड रूपये के करीब नुकसान का आकलन किया जा चुका है, जिसका आकलन निरन्तर जारी है।

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