कशमीर की तरह हिमाचल के पौंग बांध में भी चलेंगे शिकारे: मुख्यमंत्री

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में मानव निर्मित पौंग बांध जलाशय प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों के निवास स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार इसे पर्यटकों की पसंदीदा सैरगाह के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पर्यटन स्थल में वर्ष भर सैलानियों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार झील के आस-पास पर्याप्त अधोसंरचना बनाने के साथ जल क्रीड़ा एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार यहां आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए प्रयासरत है। यहां पर्यटकों को शिकारे के साथ-साथ अनेक साहसिक गतिविधियां आरम्भ करने की योजना तैयार की जा रही है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से युवाओं को शिकारा खरीदने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। वर्तमान राज्य सरकार ने अधोसंरचना विकास के लिए 70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

जानें पर्यटकों के लिए और क्या होगा खास

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए पौंग बांध में एक फ्लोटिंग होटल खोलने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए हॉट एयर बैलूनिंग गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी।

पौंग जलाशय 24,529 हेक्टेयर क्षेत्र तक फैला हुआ है। पौंग डेम बांध पैमाने पर मछुआरों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता है वहीं क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों की आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। प्रकृति से प्राप्त अपार संसाधनों के बावजूद, झील की पर्यटन क्षमता का पूरी तरह से दोहन नहीं किया जा सका है।

सरकार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमि के रूप में और पक्षियों प्रेमियों के लिए विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है। पौंग बांध में प्रवास पर आने वाले पक्षी, पक्षीविज्ञानियों और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की क्षेत्र  के विकास में सहभागिता को बढ़ाने तथा उन्हें पर्यटन संबंधी गतिविधियों में शामिल करने पर बल दिया जाएगा।

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