सरकारी अस्पतालों में कोविड वैक्सीन का स्टॉक खत्म

हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब कोविड की वैक्सीन नहीं लग रही है। प्रदेश में वैक्सीन का स्टॉक खत्म हैं। ऐसे में पिछले कई दिनों से वैक्सीन की डोज नहीं लग पा रही है।

वहीं स्वास्थय मंत्रालय की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे में सिर्फ 487 लोगों ने ही कोविड की वैक्सीन लगाई है।

लोग अब कोरोना वैक्सीन लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसी कारण भारत सरकार ने भी फिलहाल वैक्सीन की खरीद नहीं कर रही हैं।

हालांकि सरकार स्थिति को मॉनिटर कर रही हैं, अगर आने वाले दिनों में कोरोना वायरस के मामलें बढ़ते हैं तो फिर कोरोना की वैक्सीन अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जाएगी।

क्यूं सीरम इंस्टीटयूट भी नहीं बना रहा कोवीशील्ड

जानकारी यह है कि लोग अब कोरोना वैक्सीन लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं इस कारण सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया ने कोविड शील्ड वैक्सीन बनाना बहुत कम कर दिया है।

हालांकि को-वैक्सीन बन रही हैं, लेकिन उसकी एक्सपायरी बहुत शार्ट टर्म की है। ऐसे में अब हिमाचल सरकार कोविशील्ड वैक्सीन की खरीददारी नहीं कर रही हैं।

हिमाचल में विभाग के पास वैक्सीन का स्टॉक ही नहीं है। पुराना स्टॉक 31 मार्च को एक्सपायर हो गया था। हिमाचल सरकार ने केंद्र से कोरोना की वैक्सीन मांगी हैं, लेकिन अभी तक हिमाचल कोरोना वैक्सीन नहीं मिली है।

हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार को भेजी 1,65,000 डोज की डिमांड

स्वास्थय विभाग ने केंद्र सरकार को वैक्सीन का स्टॉक भेजने के लिए रिमाइंडर भेजा है। विभाग ने मांग की है कि जिन एक्सपायरी डेट लंबे समय के लिए है, वह वैक्सीन हिमाचल को भेजी जाए।

इसमें 1 लाख कोर्बोवेक्स वैक्सीन, 60 हजार कोविशील्ड और 5 हजार को वैक्सीन मांगी गई है। ऐसे में अब केंद्र सरकार से वैक्सीन मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

वैसे तो हिमाचल सरकार ने 10 लाख डोज उपलब्ध करवाने को कहा हैं, लेकिन अगर शार्ट एक्सपायरी वाली वैक्सीन भारत सरकार उपलब्ध करवाता हैं तो फिर 1 लाख डोज देने को कहा है।

42 फीसदी को लगी प्रीकॉशन डोज

हिमाचल जहां कोरोना की पहली और दूसरी डोज में सबसे पहले शत प्रतिशत आंकड़ा हासिल करने में देश में पहले स्थान पर था तो वहीं प्रदेश में प्रीकॉशनरी डोज अभी तक सिर्फ 42 प्रतिशत ही लग पाई है।

इसके कारण है कि लोग अस्पतालों में वैक्सीन की डोज लगाने नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि 31 मार्च तक प्रदेश में वैक्सीन की प्रीकॉशनरी डोज का करीब 70 प्रतिशत स्टॉक एक्सपायर हो गया। इनमें लाखों की संख्या में प्रीकॉशनरी डोज एक्सपायर हो गई हैं।

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